डूब क्षेत्र में कार्रवाई करने पहुंची प्राधिकरण की टीम का विरोध
जागरण संवाददाता नोएडा प्राधिकरण ने सोरखा स्थित डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की। यहां 60 से अधिक मकानों को ध्वस्त किया गया। इसके बाद निवासी प्राधिकरण की कार्रवाई का विरोध करने लगे और एफएनजी-बिसरख-लिक रोड को जाम कर दिया। करीब तीन घंटे तक हंगामा होता रहा इस कारण प्राधिकरण की टीम को लौटना पड़ा।
जागरण संवाददाता, नोएडा : प्राधिकरण ने सोरखा स्थित डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की। यहां 60 से अधिक मकानों को ध्वस्त किया गया। इसके बाद निवासी प्राधिकरण की कार्रवाई का विरोध करने लगे और एफएनजी-बिसरख-लिक रोड को जाम कर दिया। करीब तीन घंटे तक हंगामा होता रहा, इस कारण प्राधिकरण की टीम को लौटना पड़ा। हालांकि प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि अवैध निर्माण करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
हरनंदी डूब क्षेत्र में बड़े स्तर पर अवैध निर्माण चल रहा है। भूमाफिया अवैध प्लॉटिंग कर जमीन बेचने में जुटे हैं। शिकायतों के आधार पर नोएडा प्राधिकरण ने शुक्रवार करने पहुंची। नदी किनारे करीब 40 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में अवैध निर्माण को गिरा दिया। कार्रवाई के बाद प्राधिकरण की टीम लौट गई। इसके बाद लोग इकट्ठा होकर हंगामा करने लगे। दोपहर करीब दो बजे सोरखा के सामने एफएनजी-बिसरख-लिंक रोड को जाम कर हंगामा करने लगे। यहां कई टायरों में आग लगा दी। हंगामे की सूचना पर नोएडा प्राधिकरण की टीम व आसपास की कोतवाली की पुलिस मौके पर पहुंची। लोग को समझाकर रास्ता खुलवाया। करीब तीन घंटे तक रास्ता जाम रहने से लोग को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। एफएनजी से फेज टू नोएडा व बिसरख लिंक मार्ग होते हुए ग्रेटर नोएडा की ओर जाने वाले लोगों को किसान चौक होते हुए 8-10 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर काटना पड़ा। रजिस्ट्री के समय क्यों नहीं रोका गया अवैध निर्माण
यहां 50 मीटर का भूखंड खरीदकर मकान बनाने वाली रश्मि ने बताया कि जीवन भर की जमा पूंजी लगा दी, अब इसको गिरा दिया गया। अगर यह जमीन अवैध थी तो रजिस्ट्री के समय क्यों नहीं रोका गया। उस समय अधिकारी कहां थे। प्राधिकरण ने करीब चार हेक्टेयर जमीन से अतिक्रमण हटवाया गया है। कुछ लोग ने ही कुछ देर के लिए सड़क जाम किया था। निवासियों को मकान खाली करने की चेतावनी
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को उन मकानों पर कार्रवाई की गई जिनमें लोग नहीं रह रहे थे। इनके अलावा जिन मकान में लोग रह रहे हैं उनको खाली करने की चेतावनी दी गई है। उनको 15 दिन का समय दिया गया है।