श्रीकांत के बाद अब उसके करीबियों पर शिकंजा कसने की तैयारी
(फालोअप) जागरण संवाददाता नोएडा भाजपा नेता श्रीकांत त्यागी की गिरफ्तारी के बाद फेज-2 कोत
(फालोअप)
जागरण संवाददाता, नोएडा :
भाजपा नेता श्रीकांत त्यागी की गिरफ्तारी के बाद फेज-2 कोतवाली पुलिस की तीन टीमें अब उन चार करीबियों को गिरफ्तार करने की तैयारी में है, जिन्होंने श्रीकांत के पक्ष में रविवार रात को सोसायटी में हंगामा किया था। इस मामले में छह की पूर्व में गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस हंगामा करने वाले आरोपितों की गाड़ी को जब्त करने की तैयारी में है। साथ ही गैंगस्टर एक्ट के तहत श्रीकांत के संपत्ति की जांच भी तेज कर दी गई है। एडिशनल डीसीपी सेंट्रल नोएडा अंकिता शर्मा का कहना है कि फरार आरोपितों की तलाश की जा रही है। जल्द उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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पति को फंसाने की हो रही साजिश : महिला से अभद्रता मामले में घिरे श्रीकांत त्यागी की पत्नी ने पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई को गलत बताया है। श्रीकांत की पत्नी अनु त्यागी का कहना है कि पति भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल होते रहे हैं, लेकिन विवाद के बाद से पार्टी ने उन्हें अकेला छोड़ दिया। आरोप लगाया कि पूरे प्रकरण के दौरान हिरासत में रखने के दौरान उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। परिवार को परेशान किया गया। उन्होंने स्वीकार किया कि पति द्वारा इस्तेमाल भाषा अनुचित थी, लेकिन अपराध के लिए जितनी सजा बनती है, उतनी मिलनी चाहिए। किसी राजनेता और विरोधी के दबाव में आकर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। जिस महिला से अभद्रता की बात की जा रही है, वह उनके फ्लैट से काफी दूर रहती है। जबकि अन्य पड़ोसी उनके साथ हैं। पुलिस ने अनु त्यागी की पत्नी द्वारा लगाए गए प्रताड़ित करने के आरोपों को खारिज किया है।
--- आसान नहीं होगा जेल से बाहर आना : जेल पहुंचने के बाद श्रीकांत त्यागी ने अपने वकीलों के माध्यम से बाहर आने का प्रयास शुरू कर दिया है। अधिवक्ता प्राप्ति झा ने बताया कि श्रीकांत त्यागी पर पुलिस द्वारा लगाई गई धारा 323, 506, 504, 447, 419, 420, 482 संगीन है। स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना, छल करना और बेईमानी से बहुमूल्य वस्तु व संपत्ति में परिवर्तन करने या बनाने या नष्ट करने के लिए प्रेरित करना, आपराधिक धमकी, प्रतिरूपण द्वारा छल, लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को क्षति पहुंचाने के आशय से विधि की अवज्ञा करना, जानबूझकर स्वेच्छा से किसी को हानि पहुंचाने जैसे अपराधों के लिए यह धाराएं लगाई जाती हैं। इन धाराओं से अपराधी को सात वर्ष की जेल हो सकती है।