नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण में अधिगृहीत होगी 1365 हेक्टेयर जमीन
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा यमुना प्राधिकरण ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चर
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : यमुना प्राधिकरण ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इससे आठ गांव प्रभावित होंगे। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी होगी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की गई है। पहले चरण में दो रनवे, टर्मिनल बिल्डिग, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर का निर्माण होगा। हवाई सेवाओं के साथ नोएडा एयरपोर्ट को एमआरओ (मेंटीनेंस, रिपेयर ओवरहालिग) का प्रमुख केंद्र बनाने की भी योजना है। इसके मद्देनजर जमीन की जरूरत होगी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पांच रनवे तक विस्तार के लिए प्राइस वाटर हाउस कूपर (पीडब्ल्यूसी) से तैयार कराई गई तकनीकी वित्तीय व्यावहारिकता रिपोर्ट के मुताबिक एमआरओ के लिए यहां काफी संभावनाएं हैं। रिपोर्ट में इसका काम जल्द शुरू करने की सिफारिश की गई है।
एजेंसी की रिपोर्ट के मद्देनजर 1365 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण का प्रस्ताव तैयार किया गया है। पहले चरण के लिए अधिगृहीत की गई जमीन के यह उत्तर दिशा में है। इस पर एक रनवे बनाया जाएगा। इसके अलावा एमआरओ की गतिविधि होगी।
शासन को पीडब्ल्यूसी द्वारा तैयार व्यावहारिकता रिपोर्ट व जमीन अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इसके स्वीकृत होने पर जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी होगी। जमीन अधिग्रहण से आठ गांव प्रभावित होंगे। इसमें चार गांव आंशिक व चार पूर्ण रूप से प्रभावित होंगे। बॉक्स
2031 में चार सेक्टर किए गए हैं प्रस्तावित
अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित जमीन पर प्राधिकरण ने मास्टर प्लान 2031 में चार सेक्टर सात, आठ, तीस व 31 प्रस्तावित किए हैं। अधिग्रहण से सेक्टर सात को छोड़कर अन्य तीनों प्रभावित होंगे। इसलिए मास्टर प्लान 2031 में भी संशोधन किया जाएगा। बॉक्स
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चरण और जमीन की स्थिति
पहला चरण 1334 हेक्टेयर
दूसरा चरण 1365 हेक्टेयर
तीसरा चरण 1318 हेक्टेयर
चौथा चरण 735 हेक्टेयर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए जमीन अधिग्रहण किया जाएगा। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। अधिगृहीत जमीन एक रनवे व एमआरओ के लिए होगी।
डा. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण एवं नियाल