जमीयत उलमा-ए-हिद व कांग्रेसियों ने दिया भरोसा
हैं कि अब कोई भी प्रदर्शन न किया जाए। इस दौरान डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जिम्मेदार लोगों के पास हिसा का इनपुट था लेकिन किसी ने भी उसका इनपुट देना प्रशासन को जरुरी नहीं समझा। प्रशासन के साथ विश्वासघात हुआ है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुई हिसा के बाद जमीयत उलमा-ए-हिद के दोनों पदाधिकारियों सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुरुवार को डीएम से मिले। उन्होंने पुलिस कार्रवाई में निर्देशों के नाम आने पर रोष प्रकट करते हुए नाम निकालने की गुहार के साथ आगे प्रदर्शन न होने की जिम्मेदारी लेने का भरोसा प्रशासन को दिया।
गुरुवार की दोपहर कांग्रेस के पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक सहित जमीयत उलमा-ए-हिद के अरशद मदनी और महमूद मदनी के नेतृत्व में अन्य पदाधिकारी डीएम सेल्वा कुमारी जे से मिले। उन्होंने डीएम के समक्ष अपनी मांग रखी। मांग करते हुए कहा कि 20 दिसंबर को हुई हिसा के बाद पुलिस ने निर्दोष लोगों के नाम भी रिपोर्ट दर्ज कर लिए हैं, जिस कारण कई निर्दोष जेल भी जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों को कार्रवाई से निकाला जाए। वहीं इस दौरान जिला प्रशासन को भरोसा दिया कि वह अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए मस्जिदों के इमाम से मांग कर रहे हैं कि अब कोई भी प्रदर्शन न किया जाए। इस दौरान डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जिम्मेदार लोगों के पास हिसा का इनपुट था, लेकिन किसी ने भी उसका इनपुट देना प्रशासन को जरुरी नहीं समझा। प्रशासन के साथ विश्वासघात हुआ है। इस दौरान पूर्व राज्यसभा सदस्य हरेंद्र मलिक, अरशद मदनी, महमूद मदनी के साथ कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक वर्मा, अकिल राणा, मौलाना नजर, मौलाना ताहिर कासमी, मौ. कलीम त्यागी आदि मौजूद रहे।