बिल को बताया-देश के भीतर नफरत बढ़ाने वाला
जागरण संवाददाता मुजफ्फरनगर नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में मुस्लिम संगठनों ने विरोध प्रकट किया। मुस्लिम संगठनों ने बिल को देश के भीतर नफरत बढ़ाने वाला बताया है। केंद्र सरकार और राष्ट्रपति से इसे वापस लिए जाने की मांग की गई है। वहीं जुमे की नमाज से पहले उलमा ने खिताब किया
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में मुस्लिम संगठनों ने विरोध प्रकट किया। मुस्लिम संगठनों ने बिल को देश के भीतर नफरत बढ़ाने वाला बताया है। केंद्र सरकार और राष्ट्रपति से इसे वापस लिए जाने की मांग की गई है। वहीं, जुमे की नमाज से पहले उलमा ने खिताब किया कि इस बिल को लेकर सब्र और शांति से काम लें। पहले इसकी हकीकत को समझें, उसके बाद ही कोई प्रतिक्रिया रखें।
शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम संगठनों ने शहरभर में विरोध प्रदर्शन किया। जमीयत उलमा-ए-हिद के कार्यकारी महासचिव कारी सादिक के साथ मिलकर कार्यकर्ताओं ने फक्करशाह चौक पर जुलूस-प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि यह लाकर केंद्र सरकार देश में असंतोष को जन्म दे रही है। बिल देश को बांटने के साथ नफरत को बढ़ाने वाला साबित होगा। देश का मुसलमान इसको लेकर खौफ में है। भारत के संविधान ने प्रत्येक नागरिक को समान हक दिया है। ऐसे में यह बिल अनुचित है। हाफिज फुरकान असअदी ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 की निदा करते है। इसके बाद हाथों में बिल वापस के नारे लिखकर जुलूस-प्रदर्शन किया गया। इसके बाद एडीएम प्रशासन अमित सिंह, एसपी सिटी सतपाल अंतिल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप कर बिल को वापस लिए जाने की मांग की गई इस दौरान पूर्व राज्यसभा सदस्य हरेंद्र मलिक ने भी प्रदर्शन में पहुंच कर जमीयत उलमा-ए-हिद को समर्थन दिया। उधर, तावली में अब्दुल समद, नसीरपुर में कारी अरशद, मदीना चौक पर मोहम्मद शिबली, अफजाल, मल्हूपुरा में मोहम्मद वसीक, सीकरी में शमशाद के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। मु्फ्ती बिन यामीन, मौलना जमालुद्दीन कासमी, हाफिज फुरकान असअदी, मौलाना खालिद जाहिद, मुफ्ती मोहम्मद इकबाल, मौलाना मूसा, कारी अब्दुल माजिद, मौलाना कलीमुल्ला, मौलाना माज हसन, कारी आरिफ, कारी आदिल, नूर इलाही आदि मौजूद रहे।