टिंकी के शिकंजे में अपराधियों की गंध
ऐसी बेजुबान पुलिस अफसर जिसका कोई मातहत नहीं जो किसी पर कार्रवाई भी नहीं करती। अंजाम देती है तो सिर्फ अपनी जिम्मेदारी। विभाग के लिए चुनौती बनी कई बड़ी अपराधिक वारदात का वह राजफाश करा चुकी हैं।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। ऐसी बेजुबान पुलिस अफसर जिसका कोई मातहत नहीं, जो किसी पर कार्रवाई भी नहीं करती। अंजाम देती है तो सिर्फ अपनी जिम्मेदारी। विभाग के लिए चुनौती बनी कई बड़ी अपराधिक वारदात का वह राजफाश करा चुकी हैं। जिक्र है पुलिस विभाग में एडिश्नल एसपी के पद पर तैनात मादा श्वान क्यूटिक्स उर्फ टिकी का। टिकी डाग स्क्वायड की एक अहम सदस्य है। हेड कांस्टेबल पद से भर्ती हुई टिकी कड़े प्रशिक्षण और अपनी सूंघने की शक्ति के बल पर अब तक छह प्रमोशन पा चुकी है।
जनपद में घटित हुई बड़ी आपराधिक वारदात की गुत्थी खोलने में पुलिस विभाग डाग स्क्वायड में एडिश्नल एसपी के पद पर तैनात क्यूटिक्स उर्फ टिकी का अहम किरदार रहा है। इस मादा श्वान पर पूरे पुलिस विभाग को नाज है। विभागीय डाग हैंडलर महेश के एक इशारे पर टिकी आग में कूद सकती है तो तालाब की गहराइयों के समाकर दुश्मन के खिलाफ सुबूत भी इकट्ठा कर सकती है। एडिश्नल एसपी के पद पर तैनात टिकी किसी आलीशान बंगले में नहीं बल्कि रिजर्व पुलिस लाइन के क्वार्टर में रहती है। पुलिस विभाग में 2013 में भर्ती के बाद टिकी ने मध्यप्रदेश की टनकपुर स्थित बीएसएफ से प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
कई अनसुलझे राज खोल चुकी टिकी
डाग हैंडलर महेश बताते हैं कि टिकी अब तक कई केसों की गुत्थी खोल चुकी है। 2018 में बुढ़ाना में अवैध संबंध के चलते हत्या कर दी गई थी। श्वान टिकी ने अपनी घ्राण शक्ति से घटना के 10वें दिन बोरे में बंद कर फेंकी गई सिर कटी लाश तालाब से बरामद करा दी थी। भोपा थाना क्षेत्र में पशु चिकित्सक के हत्यारों तक भी पुलिस को टिकी ने ही पहुंचाया था। भौराकला थाना क्षेत्र के गांव कपूरगढ़ में हत्या कर शव भुस के कोठे में छिपाने वाली हत्यारिन बड़ी बहन को टिकी ने ही पकड़वाया था।
कर्तव्य को समर्पित है फील्ड यूनिट
किसी भी अपराधिक घटना के बाद पुलिसकर्मी उसके राजफाश के लिए काम करते नजर आते हैं, लेकिन राजफाश में पर्दे के पीछे जिम्मेदारी निभाने वाली विभागीय टीम के बारे में कोई जान ही नहीं पाता। पुलिस विभाग फील्ड यूनिट की यह टीम किसी भी घटना पर सबसे पहले पहुंचकर वैज्ञानिक तरीके से सुबूत एकत्र करती है। टीम में ऐसे कई जांबाज हैं जो घटना की वस्तुस्थिति देखकर ही सारे हालात का अंदाजा लगा लेते हैं। फील्ड यूनिट में शामिल अतुल कुमार, सतीश मीणा, कृष्णदत्त नागर सहित डॉग सपोर्टर धर्मसिंह पर विभाग को नाज है।