रिया हत्याकांड में तीन सगे भाई दोषी करार
बजे इस मामले में तीनों आरोपित रोहताश सुनील व ललित पुत्रगण रामस्वरूप को आइपीसी की धारा-302 307 व 452 में दोषी करार दिया।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। पांच वर्ष पूर्व हुए बहुचर्चित रिया हत्याकांड में न्यायालय ने आरोपित तीनों सगे भाइयों को दोषी करार दिया है। सजा के प्रश्न पर बहस गुरुवार को होगी। मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने की थी। हालांकि थाना पुलिस ने दो आरोपितों के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
10 मार्च 2014 को सुबह के समय थाना भौराकलां के गांव मुंडभर में खेत की नाली के विवाद में कुछ लोगों ने सुरेश पाल पर लाठी-डंडों व अन्य हथियारों से हमला बोल दिया था। इस दौरान सुरेशपाल को निशाना बनाते हुए तमंचे से फायर किया गया तो उसकी पुत्री रिया ने उसे एक और धक्का देकर गोली अपने सीने पर खा ली थी। फायरिग में रिया की मां अनिता को भी छर्रे लगे थे। दोनों को गंभीर घायल अवस्था में शामली के अस्पताल ले जाया गया था, जहां चिकित्सकों ने रिया को मृत घोषित कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में रिया को मरणोपरांत बाल वीरता पुरस्कार से नवाजा था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जितेन्द्र त्यागी व आशीष त्यागी ने बताया कि इस मामले में रिया के पिता सुरेश पाल की तहरीर पर गांव के ही रोहताश, सुनील, ललित पुत्रगण रामस्वरूप तथा एक पूर्व प्रधान के विरुद्ध हत्या सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
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सीबीआइ ने पूरी की
थी मामले की जांच
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 23 मई 2015 को सीबीआई ने हत्याकांड की जांच शुरू की थी। हालांकि इससे पूर्व थाना भौराकलां पुलिस ललित व सुनील के विरुद्ध न्यायालय में 28 मई 2014 को चार्जशीट लगा चुकी थी। जांच पूरी कर सीबीआइ ने हत्याकांड में आरोपित पूर्व प्रधान प्रवीण कुमार उर्फ बिल्लू को क्लीनचिट देते हुए तीसरे आरोपित रोहताश के विरुद्ध 27 नवंबर 2015 चार्जशीट लगाई थी।
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कोर्ट ने चार बजे
दिया दोषी करार
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जितेन्द्र त्यागी, आशीष त्यागी एवं सीबीआइ दिल्ली के लोक अभियोजक दर्शन सिंह ने बताया कि एडीजे प्रथम वीर नायक सिंह ने सुनवाई पूरी कर बुधवार शाम चार बजे इस मामले में तीनों आरोपित रोहताश, सुनील व ललित पुत्रगण रामस्वरूप को आइपीसी की धारा-302, 307 व 452 में दोषी करार दिया, जबकि आर्म्स एक्ट में भी सुनील को भी दोषी करार दिया गया। तीनों को जेल भेज दिया गया। इस मामले में वादी की ओर से अधिवक्ता नरेन्द्र त्यागी व सतेन्द्र कुमार ने पैरवी की।
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