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बारिश से बुझेगी तालाबों की प्यास

खतौली में कोविड-19 महामारी का दौर खत्म होने लगा है। इसके साथ ही गांवों में विकास कार्य भी गति पकड़ रहे हैं। बारिश के पानी से तालाबों की प्यास बुझाने की जुगत की जा रही है। गांवों के साथ वर्षा जल संचय के लिए कच्चे नालों का निर्माण किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 11:48 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 11:48 PM (IST)
बारिश से बुझेगी तालाबों की प्यास

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। खतौली में कोविड-19 महामारी का दौर खत्म होने लगा है। इसके साथ ही गांवों में विकास कार्य भी गति पकड़ रहे हैं। बारिश के पानी से तालाबों की प्यास बुझाने की जुगत की जा रही है। गांवों के साथ वर्षा जल संचय के लिए कच्चे नालों का निर्माण किया जा रहा है। मनरेगा के तहत श्रमिकों को लगाकर युद्धस्तर पर खोदाई कराई जा रही है। निगरानी समितियां स्वास्थ्य के साथ जल सरंक्षण को भी प्रेरित कर रही हैं।

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खतौली तहसील क्षेत्र में 200 से अधिक तालाब हैं, जिनमें दर्जनों तालाबों की स्थिति खराब हो गई है। बारिश का पानी तालाबों तक नहीं पहुंचता है। नाली-नालियों के जरिए पानी गांवों के बाहर निकल जाता है। इस बार खंड विकास विभाग ने गांवों में वर्षा जल संचय को मजबूत बनाने की पहल की है। गांवों के मुख्य नालों के साथ तालाब वाले मार्गो पर कच्चे नाले खोदाई कराए गए हैं, जिनके माध्यम से बारिश व गांव का पानी तालाब तक पहुंचने में सहायता मिलेगी। ग्राम पंचायत सचिव विजय शेखर ने बताया कि वर्षा जल संचय के लिए गांवों में निगरानी समितियों को भी प्रेरित किया गया है। मनरेगा के तहत श्रमिकों से नाला खोदाई कराई गई है। पाल, पलड़ी, बोपाड़ा व मंसूरपुर गांवों के अलावा अन्य गांवों में यह कार्य प्रारंभ किया गया है। इसके साथ ही कोविड-19 के बाद अब गांवों के मुख्य विकास कार्य भी शुरू किए गए हैं।

2274 आगंनबाड़ी केंद्रों पर वजन सप्ताह का शुभारंभ

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से गुरुवार को जिले के 2274 आगंनबाड़ी केंद्रों पर वजन सप्ताह का शुभारंभ हुआ। यह सप्ताह 24 जून तक चलेगा। बच्चों का वजन और लंबाई की माप ली गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा ने बताया कुपोषण से ग्रसित बच्चों में बाल्यावस्था की बीमारियां एवं उनसे होने वाली मृत्यु का खतरा अधिक बढ़ जाता है। कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए 24 जून तक जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पांच वर्ष के बच्चों के लिए वजन सप्ताह शुरू हुआ है। बच्चों को स्वस्थ, कुपोषित और अतिकुपोषित श्रेणी में रखा जाएगा। कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को चिह्नित कर उन्हें पुष्टाहार वितरित किया जाएगा। समय-समय पर उनके स्वास्थ्य संबंधित जांच कराई जाएगी। इस अभियान के बाद पहली जुलाई से दो अक्टूबर तक पोषण संवर्धन की ओर से संभव अभियान भी चलाया जाएगा।


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