हाईकोर्ट के हुक्म की अनदेखी पर विवेचक, वादी तलब
गोवध अधिनियम के दुरुपयोग को लेकर हाईकोर्ट के ताजा दिशा-निर्देशों की अनदेखी कर त्रुटिपूर्ण विवेचना करने पर एसीजेएम-2 ने चरथावल तथा खतौली थानों में दर्ज मुकदमों के वादी तथा विवेचकों को कोर्ट में पेश होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। फटकार भी लगाई। दोनों थानों की पुलिस ने गो हत्या के अलग-अलग मामलों में विवेचना करते हुए गोवंश मांस को जांच कराए बिना नष्ट भी करा दिया था।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। गोवध अधिनियम के दुरुपयोग को लेकर हाईकोर्ट के ताजा दिशा-निर्देशों की अनदेखी कर त्रुटिपूर्ण विवेचना करने पर एसीजेएम-2 ने चरथावल तथा खतौली थानों में दर्ज मुकदमों के वादी तथा विवेचकों को कोर्ट में पेश होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। फटकार भी लगाई। दोनों थानों की पुलिस ने गो हत्या के अलग-अलग मामलों में विवेचना करते हुए गोवंश मांस को जांच कराए बिना नष्ट भी करा दिया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल में गोवध संरक्षण कानून के दुरुपयोग पर कड़ी टिप्पणी की थी। कहा था कि उत्तर प्रदेश में गोवध संरक्षण कानून का प्रयोग निर्दोषों के खिलाफ हो रहा है। बरामद मांस की जांच बिना ही उसे गोमांस बताकर निर्दोष को जेल भेज दिया जाता है।
एसीजेएम-2 मुकीम अहमद ने कुछ दिन पूर्व खतौली थानाक्षेत्र के मढकरीमपुर गांव में खेत से गोवंश मांस बरामदगी से संबंधित मुकदमे में मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार इरशाद पुत्र बादशाह की जमानत अर्जी पर सुनवाई की। अभियोग - पत्रों का अवलोकन कर वादी मुकदमा संदीप कुमार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया। कहा कि विवेचक ने पशु चिकित्सक का जारी प्रमाण-पत्र जमा नहीं किया। बरामदशुदा माल विवेचक के सुपुर्द न करके बिना किसी अनुमति के जमीन में दबा दिया गया, जो हाईकोर्ट के रहमू उर्फ रहीमुद्दीन बनाम उप्र. राज्य संबंधित ताजा आदेश का खुला उल्लंघन है।
न्यायाधीश ने चरथावल थाने में दर्ज गोवध अधिनियम संबंधी ऐसे ही अन्य मामले में वादी दारोगा मोहित कुमार को भी माल मुकदमा विवेचक को सुपुर्द न करके बिना जांच दबा दिये जाने पर तलब किया है।