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टिकैत के वायरल बयान से ब्राह्मण समाज में आक्रोश

किसान आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत का वायरल बयान पूरे दिन चर्चाओं में रहा। ब्राह्मण समाज के लोगों ने बैठक कर इसकी निदा की और बोले कि भाकियू केवल एक जाति-बिरादरी का संगठन नहीं है। यह सर्वसमाज के किसानों का संगठन है। उधर राकेश टिकैत ने कहा कि उनके बयान का गलत मतलब न निकाला जाए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Dec 2020 12:00 AM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 12:00 AM (IST)
टिकैत के वायरल बयान से ब्राह्मण समाज में आक्रोश

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। किसान आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत का वायरल बयान पूरे दिन चर्चाओं में रहा। ब्राह्मण समाज के लोगों ने बैठक कर इसकी निदा की और बोले कि भाकियू केवल एक जाति-बिरादरी का संगठन नहीं है। यह सर्वसमाज के किसानों का संगठन है। उधर, राकेश टिकैत ने कहा कि उनके बयान का गलत मतलब न निकाला जाए।

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शुक्रवार को ब्राह्मण समाज रोहाना और पुरकाजी क्षेत्र की बैठक क्षेत्र के अध्यक्ष ओम दत्त शर्मा के निवास स्थान रोहाना में हुई। बैठक में दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान एक सभा में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के ब्राह्मण समाज के प्रति दिए गए बयान को घृणित और नफरत फैलाने वाला बताया। वक्ताओं ने कहा कि राकेश टिकैत को यह नहीं भूलना चाहिए कि भारतीय किसान यूनियन केवल एक जाति-बिरादरी का संगठन नहीं है। भाकियू में ब्राह्मण समाज के लोग भी हैं। भाकियू तहसील सदर के अध्यक्ष विकास शर्मा हैं। बैठक में वक्ताओं ने ब्राह्मण समाज से राकेश टिकैत को माफी मांगने की अपील की। कहा कि ब्राह्मण समाज अपना अपमान कभी नहीं सहेगा। उनका ऐसा बयान समाज मे ब्राह्मण के प्रति नफरत फैलाने की साजिश बताया। बैठक में आदेश शर्मा, तुलसीराम शर्मा, महेंद्र शर्मा, अंशुल शर्मा और ज्योतिष आचार्य एवं कर्मकांड विशेषज्ञ आशुतोष शुक्ला, अश्वनी शर्मा आदि शामिल रहे।

उधर, भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने सफाई देते हुए कहा कि मेरे बयान का गलत मतलब न निकाला जाए। कहने का आशय केवल इतना था कि मंदिरों के पुजारी व विभिन्न ट्रस्ट गुरुद्वारों की भांति आंदोलन में अपने बैनर के साथ लंगर की सेवा प्रदान करें। मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर या अन्यथा न लिया जाए। वीडियो को एडिट कर गलत तरीके से पेश न किया जाए। कृषि कानूनों के विरोध में चल रहा आंदोलन सभी का है।


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