हत्या कर जरायम की दुनिया में कूदा था मूंछ
चीकू हत्याकांड की आपराधिक साजिश रचने के आरोप में आत्मसमर्पण कर जेल गए मूछ ने साढे चार दशक पहले एक व्यक्ति की हत्या कर जरायम की दुनिया में दस्तक दी थी।
मुजफ्फरनगर : चीकू हत्याकांड की आपराधिक साजिश रचने के आरोप में आत्मसमर्पण कर जेल गए मूंछ ने साढ़े चार दशक पहले एक व्यक्ति की हत्या कर जरायम की दुनिया में दस्तक दी थी। इस घटना के बाद मूंछ ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक हत्या की घटनाओं को अंजाम देता चला गया। इस बीच मूंछ के नाम का डंका बजने लगा और उस सहित उसके गुर्गों ने अपने खौफ के बल पर करोड़ों की संपत्ति अर्जित की।
1973 में मुजफ्फरनगर के भैंसी गांव निवासी कलीराम की हत्या कर दी गई थी। उस समय चर्चा आम हुई थी कि कलीराम की हत्या मूंछ ने की है, लेकिन उसका नाम लिखा-पढ़ी में नहीं आया था। 1983 में मूंछ पर इल्जाम लगा था कि उसने छात्र नेता महेश शुक्ला की हत्या कर दी। इस मामले में मूंछ के खिलाफ मेरठ के थाना सिविल लाइन में हत्या का केस दर्ज किया गया था। वर्ष 1991 में मुजफ्फरनगर में नई मंडी क्षेत्र में तत्कालिक सदर ब्लाक प्रमुख सुरेन्द्र कूकड़ा की अत्याधुनिक हथियारों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। सुरेन्द्र कूकड़ा की हत्या का आरोप भी सुशील मूंछ पर लगा था। सुरेन्द्र कूकड़ा की हत्या के बाद इस गैंग के लोग इधर-उधर छिप गए थे। मूंछ के नाम का डंका बजना शुरू हो गया था, लेकिन शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला लद्धावाला निवासी नफीस कालिया नाम का एक बदमाश उन दिनों अपनी हरकतों से चर्चा में था। नफीस कई हत्या कर चुका था। इस दौरान 1998 में मूंछ व नफीस के बीच गैंगवार छिड़ गई थी। जिसके बाद मूंछ ने नफीस के साथियों को एक-एक कर मरवाना शुरू कर दिया। 2004 में नफीस की भी हत्या कर दी गई। हालांकि इससे पहले देहरादून में 1992 वकील हरी गर्ग व उनके भाई की हत्या कर दी गई थी। उस समय मूंछ जेल में बंद था, लेकिन दोनों हत्याओं की आपराधिक साजिश रचने में मूंछ का नाम ही सामने आया था। फिल्म देखते हुआ था गिरफ्तार
सुशील मूंछ को 22 नवंबर, 2016 में जयपुर के पिक स्क्वायर माल से फिल्म देखते एसटीएफ ने गिरफ्तार किया गया था। मूंछ की गिरफ्तारी एसटीएफ के तत्कालिक एसपी अनंत देव तिवारी ने मय फोर्स छापा मारकर की थी, जिसके बाद मूंछ को मुजफ्फरनगर के न्यायालय में लाकर पेश किया गया था। हालांकि मूंछ इससे पहले 2012 में भी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका था।