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कब्जामुक्त सरकारी भूमि-संपत्ति का औचक निरीक्षण

खतौली क्षेत्र में गांवों में कब्जामुक्त किए गए तालाब सरकारी भूमि का औचक निरीक्षण किया गया। भूमाफिया के खिलाफ प्रशासन सक्रिय हो गया है। तहसील क्षेत्र के प्रत्येक गांव के लेखपाल से सरकारी भूमि का रिकार्ड तलब किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 08:47 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 08:47 PM (IST)
कब्जामुक्त सरकारी भूमि-संपत्ति का औचक निरीक्षण

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। खतौली क्षेत्र में गांवों में कब्जामुक्त किए गए तालाब, सरकारी भूमि का औचक निरीक्षण किया गया। भूमाफिया के खिलाफ प्रशासन सक्रिय हो गया है। तहसील क्षेत्र के प्रत्येक गांव के लेखपाल से सरकारी भूमि का रिकार्ड तलब किया गया है। एडीएम प्रशासन ने अधिकारियों, कर्मचारियों को साथ लेकर कई गांवों का दौरा किया। इन गांवों में पूर्व में सरकारी भूमि, संपत्ति को कब्जामुक्त कराया गया है। इससे भूमाफिया में अफरातफरी मची रही है।

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गुरुवार को तहसील पहुंचे एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने एसडीएम इंद्राकांत द्विवेदी, तहसीलदार पुष्करनाथ चौधरी से क्षेत्र में कब्जामुक्त की गई सरकारी भूमि की बाबत पड़ताल की। उन्होंने कहा कि पूर्व में लेखपालों द्वारा कब्जामुक्त भूमि के फोटोग्राफ और अभिलेखों और कार्रवाई को एंटी भूमाफिया पोर्टल पर अपलोड किया गया है। अब शासन ने फिर से भूमि का भौतिक सत्यापन करने के आदेश जारी किए हैं।

एसडीएम इंद्राकांत द्विवेदी ने बताया कि तहसील क्षेत्र में 198 तालाब हैं। इनमें 63 पर लोगों का पूर्ण कब्जा पाया गया है, जबकि 23 तालाबों पर आंशिक रूप से भूमि कब्जा रखी है। तालाबों को कब्जाने वाले करीब 320 लोगों के विरुद्ध धारा 67 में न्यायालय में बेदखली के वाद दायर किए गए है। इसके बाद एडीएम प्रशासन ने तहसीलदार पुष्करनाथ चौधरी के साथ कई गांवों में कब्जामुक्त कराई गई भूमि की जांच-पड़ताल की है। गांव कैलावड़ा, अंतवाड़ा के साथ ही अन्य स्थानों पर जांच की गई। एडीएम प्रशासन ने अधिकारियों को भूमाफिया के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए है। इसके लिए प्रतिदिन लेखपालों, ग्राम सचिव को गांवों के भ्रमण पर लगाया जाए। उसी भूमि का अभिलेख और फोटो पोर्टल पर अपलोड किया जाए जिस पर पूर्ण रूप से कार्रवाई की जा चुकी है।


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