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देश में अमीर-गरीब के बीच खाई बढ़ना चुनौती : बालकृष्णन

मुजफ्फरनगर सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डॉ. केजी बालकृष्णन ने कहा कि देश में अ

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Mar 2019 11:21 PM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 11:21 PM (IST)
देश में अमीर-गरीब के बीच खाई बढ़ना चुनौती : बालकृष्णन
देश में अमीर-गरीब के बीच खाई बढ़ना चुनौती : बालकृष्णन

मुजफ्फरनगर : सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डॉ. केजी बालकृष्णन ने कहा कि देश में अमीर-गरीब के बीच खाई बढ़ना सरकार के लिए चुनौती है।

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श्रीराम कॉलेज में आयोजित सेमिनार के समापन समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. बालकृष्णन ने कहा कि विशाल जनसंख्या वाले भारत में सुशासन देना पहले भी चुनौती थी, आज भी चुनौती है। हमारे संविधान निर्माताओं ने संविधान में नीति निर्देशक तत्वों को इसीलिए रखा था ताकि सरकारों को यह पता रहे कि उन्हें किस दिशा में काम करना है। हालांकि पड़ोसी देशों के मुकाबले भारत की स्थिति अच्छी है फिर भी अमीर व गरीब के बीच खाई लगातार बढ़ना सरकारों के समक्ष चुनौती बनी है। सोशल मीडिया पर विचारों के घमासान पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि भारत में अभिव्यक्ति की आजादी तो है, पर अभिव्यक्ति के बाद की आजादी नहीं है। अधिवक्ताओं को चाहिए कि वे अपने विचार राष्ट्र व समाज के समक्ष निर्भीकतापूर्वक रखें, भले ही सच्चाई कितनी ही कड़वी क्यों न हो। अधिवक्ताओं को उनकी आवाज बनना चाहिए, जिनकी कोई आवाज नहीं है। इस दिशा में जनहित याचिकाओं की मदद ली जा सकती है।

उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश विनोद प्रसाद ने कहा कि आज रोटी, कपड़ा व मकान सबसे ज्वलंत मुद्दे हैं। सरकार को इन मुद्दों पर ध्यान देते हुए नीतियां बनानी चाहिए। आज नक्सलवाद देश के लिए नासूर बन चुका है। उन्होंने हर नागरिक से जिम्मेदारी निभाकर देश के विकास में अभूतपूर्व योगदान देने की अपील की।

रिटायर्ड ले. जनरल राज कादियान ने कहा कि आज आतंकवाद संपूर्ण मानवता के लिए सबसे बड़ी समस्या है। सबसे दुखद पहलू यह है कि संयुक्त राष्ट्र संघ अब तक आतंकवाद को परिभाषित तक नहीं कर पाया। अमेरिका को भी भारत के दर्द का तब एहसास हुआ जब उस पर आतंकी हमला हुआ। आतंकवाद को स्थानीय मदद मिलनी बंद होने पर कश्मीर से आतंकवाद समाप्त होगा।

राज्यसभा सदस्य केटीएस तुलसी ने कहा कि भ्रष्टाचार भारत की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है, जो भी पक्ष सत्ता में आता है, भ्रष्ट हो जाता है। राजनीति से जुडे़ लोग भ्रष्टाचार से ग्रस्त हो चुके हैं, जो हमारे लिए एक दुष्प्रभाव के रूप में सामने आ रहे हैं। अगर देश की संसद में भ्रष्टाचारी बैठेंगे तो कैसे देश में अच्छी शासन प्रणाली का निर्माण हो पाएगा? जब तक सरकारी कार्यालयों का उपयोग निजी स्वार्थ के लिए होता रहेगा, भ्रष्टाचार नहीं रुकेगा। कार्यक्रम में समाजसेवी जय कुमार शर्मा व कई अन्यों को सम्मानित किया गया।


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