दुर्घटना का कारण बन रहे ओवरलोड वाहन
परिवहन विभाग को भी लगा रहे हैं चूना। ओवरलोड वाहनों पर अंकुश नहीं लगा।
जानसठ : सड़कों पर आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं का कारण ओवरलोड वाहन भी बने हुए हैं। इन वाहनों पर कोई रोक लगाने के लिए तैयार ही नहीं है, जबकि इनके जरिए परिवहन विभाग को भी चूना लगाया जा रहा है।
सड़कों पर चलने वाले ओवरलोड वाहन भी दुर्घटना का कारण बनते जा रहे हैं। गन्नों व लकड़ी से ओवरलोड इन वाहनों से न सिर्फ लोगों की जान पर बन रही है, बल्कि ये वाहन परिवहन विभाग को चूना लगा रहे हैं। सर्दी का सीजन शुरू होते ही सड़कों पर गन्ने से भरे ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉले अक्सर देखे जाते हैं। इनमें करीब 250 कुंतल तक गन्ना भरा होता है, जिस कारण ये काफी ऊपर तक भरे हुए होते हैं। ये ट्रैक्टर-ट्रॉले अक्सर सड़कों पर पलटे हुए देखे जा सकते हैं, लेकिन इन पर कोई भी रोक लगाने को तैयार नहीं है। इसी तरह से लकड़ी से भरे हुए ट्रैक्टर-ट्राले भी रोजाना दर्जनों की संख्या में यमुनानगर जाते हैं। ओवरलोड इन वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं करता है। अक्सर ये ट्राले पलट जाते हैं और इनमें भरी लकड़ी या गन्ने सड़क पर बिखरने से जाम की स्थिति बनी रहती है। घने कोहरे में भी इस वाहनों पर कोई पीछे की तरफ कोई संकेतक न होने के कारण अक्सर दुर्घटना हो जाती है।
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परिवहन विभाग को भी लगाते हैं चूना
इन ट्रैक्टरों पर कॉमर्शियल नंबर भी नहीं लिया जाता है। ये कृषि के लिए उपयोग में होने वाले ट्रैक्टर होते हैं, जबकि इनका कॉमर्शियल उपयोग कर विभाग को लाखों का चूना लगाया जा रहा है। इन ट्रैक्टरों से गन्ना सेंटर से गन्ना भरकर मिल तक ले जाया जाता है। इनके प्रति कुंतल के हिसाब से पैसे लिए जाते हैं। यमुनानगर जाने वाले ट्रैक्टर भी यहां से लकड़ी व्यापारियों के होते हैं, जिनसे प्रतिदिन हजारों रुपये भाड़ा कमाया जाता है।
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इन्होंने कहा..
इस संबंध में सीओ से बात कर इन पर अंकुश लगाने के लिए प्रोग्राम बनाया जाएगा। शीघ्र ही इन पर नकेल लगाई जाएगी।
- विजय कुमार, एसडीएम, जानसठ।