रालोद कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज होने पर फूटा आक्रोश
लोकसभा चुनाव और इसके बाद कार्यकर्ताओं पर दर्ज हुए मुकदमों के विरोध में रालोद ने सड़कों पर उतरकर धरना-प्रदर्शन किया। कलक्ट्रेट में ट्रैक्टर-ट्रॉली घुसा दिए
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। लोकसभा चुनाव और इसके बाद कार्यकर्ताओं पर दर्ज हुए मुकदमों के विरोध में रालोद ने सड़कों पर उतरकर धरना-प्रदर्शन किया। कलक्ट्रेट में ट्रैक्टर-ट्रॉली घुसा दिए, जिससे जाम लग गया। एसपी सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट को काफी देरी तक भीषण गर्मी में धरने पर बैठाए रखा। आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन सत्ता के दबाव में कार्य कर रहा है। चेतावनी दी कि फर्जी मुकदमे वापस नहीं होने पर एक सप्ताह बाद आंदोलन होगा।
शनिवार को रालोद कार्यकर्ता ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में सवार होकर कलक्ट्रेट पहुंचे। जिलाध्यक्ष अजीत राठी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान और बाद में कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए। सोंटा निवासी भूपेंद्र राठी समेत गांव टोडा, तितावी, नुन्नाखेड़ा और बुढ़ाना के कार्यकर्ताओं पर फर्जी तरीके से मुकदमे दर्ज किए गए। आरोप लगाया कि सत्ता के दबाव में अधिकारी कार्य कर रहे हैं। जब तक मुकदमे वापस नहीं होते, धरना जारी रहेगा। ज्ञापन लेने आए एसपी सिटी सतपाल अंतिल, सिटी मजिस्ट्रेट अतुल कुमार को भी धरने पर बैठा लिया।
पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि फर्जी नामजदगी पर पूर्व में भी बवाल हुआ है। अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार कर लें, सत्ता के दबाव में कार्य न करें। सांसद, विधायक पांच साल के लिए होते हैं, जबकि अधिकारियों को लंबी पारी खेलनी है। पूर्व मंत्री धर्मवीर सिंह बालियान ने कहा कि किसान-मजदूर का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूर्व मंत्री योगराज सिंह ने कहा कि चुनावी रंजिश में रालोद कार्यकर्ताओं पर जो मुकदमे दर्ज हुए हैं, उन्हें निरस्त नहीं किया गया तो आरपार की लड़ाई होगी। रालोद प्रवक्ता अभिषेक चौधरी ने कहा कि किसान-मजदूर परेशान है। सत्ता के दबाव में आकर अधिकारियों ने उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया है। पूर्व सांसद मुंशीराम पाल ने कहा कि यदि एक सप्ताह में फर्जी नामजदगी वापस नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन होगा। इस दौरान डॉ. राजकुमार सांगवान, राजीव बालियान, कुंवर अय्यूब अली, धर्मेंद्र तोमर, ब्रह्मसिंह, सुधीर भारतीय, हर्ष राठी, धर्मेंद्र राठी आदि मौजूद रहे।
----
भीषण गर्मी में अफसरों के छूटे पसीने
रालोद कार्यकर्ताओं के बीच धरने पर बैठे एसपी सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट भी पसीने से तरबतर हो गए। एक ट्रॉली में लदकर आए कैंपर कुछ समय में ही खाली हो गए। बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी धरने से बीच-बीच में उठकर पेड़ों की छाया और डीएम कार्यालय के बरामदे में जाकर बैठ गए। कचहरी के गेट पर पुलिस ने ट्रैक्टरों को रोकने का प्रयास भी किया।