रिया हत्याकांड: पिता को बचाने के लिए सीने पर गोली खाने वाली बहादुर बिटिया को मिला न्याय
मुजफ्फरनगर में नाली के विवाद के बाद हुई फायरिंग के दौरान पिता को बचाकर सीने पर गोली खाने वाली रिया के हत्यारों को हत्या में उम्रकैद व तीन लाख 95 हजार रुपये का अर्थदंड मिला।
By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 13 Jun 2019 02:52 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2019 02:52 PM (IST)
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। पांच वर्ष पूर्व थाना भौराकलां क्षेत्र के गांव मुंडभर में नाली के विवाद के बाद हुई फायरिंग के दौरान पिता को बचाकर सीने पर गोली खाने वाली रिया पुत्री सुरेश पाल की हत्या के मामले में अपर जिला जज प्रथम की अदालत ने तीनों मुल्जिमों को दोषी करार दिया था। इस मामले में मुंडभर निवासी तीन सगे भाइयों रोहताश, सुनील व ललित पुत्रगण रामस्वरूप को आरोपित बनाया गया था। बुधवार को न्यायालय ने तीनों को दोषी करार दिया था। बहस के बाद गुरुवार को सजा के प्रश्न पर न्यायालय ने फैसला सुनाया एडीजे प्रथम ने तीनों अभियुक्तों को हत्या में उम्रकैद व तीन लाख 95 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
यह था मामला
10 मार्च 2014 को सुबह के समय थाना भौराकलां के गांव मुंडभर में खेत की नाली के विवाद में कुछ लोगों ने सुरेश पाल पर लाठी-डंडों व अन्य हथियारों से हमला बोल दिया था। इस दौरान सुरेशपाल को निशाना बनाते हुए तमंचे से फायर किया गया तो उसकी पुत्री रिया ने उसे धक्का देकर गोली अपने सीने पर खा ली थी। फायरिंग में रिया की मां अनिता को भी छर्रे लगे थे। दोनों को गंभीर घायल अवस्था में शामली के अस्पताल ले जाया गया था, जहां चिकित्सकों ने रिया को मृत घोषित कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में रिया को मरणोपरांत बाल वीरता पुरस्कार से नवाजा था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जितेन्द्र त्यागी व आशीष त्यागी ने बताया कि इस मामले में रिया के पिता सुरेश पाल की तहरीर पर गांव के ही रोहताश, सुनील, ललित पुत्रगण रामस्वरूप तथा एक पूर्व प्रधान के विरुद्ध हत्या सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
सीबीआइ ने पूरी की थी मामले की जांच
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 23 मई 2015 को सीबीआई ने हत्याकांड की जांच शुरू की थी। हालांकि इससे पूर्व थाना भौराकलां पुलिस ललित व सुनील के विरुद्ध न्यायालय में 28 मई 2014 को चार्जशीट लगा चुकी थी। जांच पूरी कर सीबीआइ ने हत्याकांड में आरोपित पूर्व प्रधान प्रवीण कुमार उर्फ बिल्लू को क्लीनचिट देते हुए तीसरे आरोपित रोहताश के विरुद्ध 27 नवंबर 2015 चार्जशीट लगाई थी।
यह था मामला
10 मार्च 2014 को सुबह के समय थाना भौराकलां के गांव मुंडभर में खेत की नाली के विवाद में कुछ लोगों ने सुरेश पाल पर लाठी-डंडों व अन्य हथियारों से हमला बोल दिया था। इस दौरान सुरेशपाल को निशाना बनाते हुए तमंचे से फायर किया गया तो उसकी पुत्री रिया ने उसे धक्का देकर गोली अपने सीने पर खा ली थी। फायरिंग में रिया की मां अनिता को भी छर्रे लगे थे। दोनों को गंभीर घायल अवस्था में शामली के अस्पताल ले जाया गया था, जहां चिकित्सकों ने रिया को मृत घोषित कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में रिया को मरणोपरांत बाल वीरता पुरस्कार से नवाजा था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जितेन्द्र त्यागी व आशीष त्यागी ने बताया कि इस मामले में रिया के पिता सुरेश पाल की तहरीर पर गांव के ही रोहताश, सुनील, ललित पुत्रगण रामस्वरूप तथा एक पूर्व प्रधान के विरुद्ध हत्या सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
सीबीआइ ने पूरी की थी मामले की जांच
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 23 मई 2015 को सीबीआई ने हत्याकांड की जांच शुरू की थी। हालांकि इससे पूर्व थाना भौराकलां पुलिस ललित व सुनील के विरुद्ध न्यायालय में 28 मई 2014 को चार्जशीट लगा चुकी थी। जांच पूरी कर सीबीआइ ने हत्याकांड में आरोपित पूर्व प्रधान प्रवीण कुमार उर्फ बिल्लू को क्लीनचिट देते हुए तीसरे आरोपित रोहताश के विरुद्ध 27 नवंबर 2015 चार्जशीट लगाई थी।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें