न्यायिक हिरासत में प्रदीप जैन को तिहाड़ जेल भेजा
जीएसटी के स्थानीय अधिकारियों से सांठगांठ कर सरकार को राजस्व का मोटा चूना लगाने वाले व्यापारियों पर जीएसटी इंटेलीजेंस की नजर टेढ़ी हो गई है। जीएसटी चोरी के मामले में पकड़े गए पीएसआर मेटल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक प्रदीप जैन की जांच में 13.76 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी मिली है। जीएसटी अन्वेषण महानिदेशालय की गुरुग्राम क्षेत्रीय इकाई ने प्रदीप जैन को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। जहां से उन्हे दस दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा दिया।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। जीएसटी के स्थानीय अधिकारियों से सांठगांठ कर सरकार को राजस्व का मोटा चूना लगाने वाले व्यापारियों पर जीएसटी इंटेलीजेंस की नजर टेढ़ी हो गई है। जीएसटी चोरी के मामले में पकड़े गए पीएसआर मेटल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक प्रदीप जैन की जांच में 13.76 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी मिली है। जीएसटी अन्वेषण महानिदेशालय की गुरुग्राम क्षेत्रीय इकाई ने प्रदीप जैन को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। जहां से उन्हे दस दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा दिया।
जीएसटी अन्वेषण महानिदेशालय (डीजीजीआइ) गुरुग्राम क्षेत्रीय इकाई के अधिकारी सीएम सीमी, ओमवीर डागर, पंकज, किरण मीना आदि ने शनिवार को सुरेंद्र नगर स्थित प्रदीप जैन के घर पर छापामारी करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया था। टीम ने मौके से कुछ इलेक्ट्रोनिक सामान और दस्तावेज भी जब्त किए थे। सूचना पर आइआइए के पदाधिकारी भी उन्हें छुड़ाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन टीम ने किसी की न सुनते हुए उन्हें गाड़ी में बैठा लिया था। गुरुग्राम में पूछताछ के बाद प्रदीप जैन पर 13.76 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी सामने आई। टीम ने उन्हें मंगलवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करते हुए दस दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया।
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गुरुग्राम से शुरू हुई थी जांच
पीएसआर मेटल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक प्रदीप जैन जीएसटी इंटेलीजेंस के रडार पर माल खरीदने और बिक्री के बिलों में झोल के कारण आए थे। टीम गुरुग्राम से जांच करते हुए बेगराजपुर औद्योगिक क्षेत्र में चल रही उनकी कंपनी तक पहुंच गई। कंपनी के खिलाफ जांच शुरू हो गई, जिसके बाद प्रदीप जैन को उनके घर से हिरासत में लिया गया।
जीएसटी चोरी के लिए चल रहा आंख-मिचोली का खेल
जीएसटी नियमों के तहत पुरानी व स्क्रैप बैटरी पर 18 प्रतिशत और नई बैटरी पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगती है। जीएसटी इंटेलिजेंस अधिकारी सीएम सीमी ने बताया कि आरोपित प्रदीप जैन ने पहले दावा किया कि वह डीलरों से पुरानी और गैर-गारंटीकृत दोनों प्रकार की बैटरी खरीदते हैं। उन्होंने पुरानी बैटरियों से लीड बनाने और नई बैटरियों (गैर-गारंटीकृत बैटरी ) का व्यापार करने का भी दावा था, लेकिन प्रदीप जैन के आपूर्तिकर्ताओं के साथ सत्यापन से पता चला कि उन्हें केवल नई बैटरी बेची गई। इन तथ्यों के सामने आने के बाद प्रदीप जैन ने नई बैटरियों से लेड(सीसा) का निर्माण करने की बात कही। जांच से पता चला है कि सीसा निकालने के लिए नई बैटरियों को नष्ट करने और तोड़ने से सीसा बनाने के लिए यह आर्थिक रूप से व्यवहारिक भी नहीं था। आरोपित सीसा के निर्माण के लिए कबाड़ बाजार का उपयोग कर रहे थे। इनवाइस जारी किए बिना इन नई बैट्रियों को बेचने के लिये नई बैट्रियों की आइटीसी का उपयोग करते थे।