काले कारोबार की तह तक पहुंचेगी पुलिस
बाडी बिल्डिग के शौकीन युवाओं को प्रतिबंधित इंजेक्शन देकर अवैध रूप से कमाई करने का राजफाश होने से हर कोई हैरत में है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। बाडी बिल्डिग के शौकीन युवाओं को प्रतिबंधित इंजेक्शन देकर अवैध रूप से कमाई करने का राजफाश होने से हर कोई हैरत में है। अब पुलिस और ड्रग विभाग की टीम जिले में चल रहे काले कारोबार की जड़ तक पहुंचने की जद्दोजहद में जुट गई है। जिले में ऐसे मेडिकल स्टोर और जिम पुलिस के निशाने पर आ गए हैं।
जिम पर युवाओं को प्रतिबंधित इंजेक्शन देकर उनकी जान से खिलवाड़ करने के मामले में पुलिस सख्त कार्रवाई करने के मूड में है। पकड़े गए मेडिकल स्टोर संचालकों को जेल भेजने के बाद अब पुलिस और ड्रग विभाग की टीम इस पड़ताल में जुट गई है कि जिले में कौन-कौन इस काले कारोबार में शामिल होकर युवाओं को खोखला कर रहा है। एसएसपी अभिषेक यादव का कहना है कि जिले में प्रतिबंधित स्टेरायड कहां से आता है इसकी तह तक पहुंचने के लिए पड़ताल शुरू कर दी गई है। जिले के सभी मेडिकल और जिम को चेक कर यह पता लगाया जाएगा कि वह प्रतिबंधित स्टेरायड की बिक्री तो नहीं कर रहे हैं। एक ही सिरिज का करते थे प्रयोग
अवैध कमाई के चक्कर में जिम संचालक युवाओं की जान की परवाह भी नहीं कर रहे थे। पुलिस के अनुसार उक्त जिम संचालक एक ही सिरिज से कई युवकों को इंजेक्शन लगा रहे थे। ऐसे में एचआइवी, हैपेटाइटिस सी, कोरोना और जानलेवा बीमारियों के होने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। यह है साइड इफेक्ट
एसएसपी ने बताया कि नई उम्र के युवकों को जल्दी बॉडी बनाने का झांसा देकर जिम संचालक इन प्रतिबंधित इंजेक्शन का प्रयोग कर रहे थे। यह इंजेक्शन प्रतिबंधित है और विभिन्न बीमारियों में ही चिकित्सक की सलाह पर इनका प्रयोग किया जा सकता है। इनके प्रयोग से किडनी खराब होना, हड्डियों पर हानिकारक प्रभाव, बैचेनी समेत कई हानिकारक प्रभाव सामने आते हैं। इनके प्रयोग से हार्ट अटैक तक हो सकता है। जिम संचालक बिना अनुमति अवैध रूप से इन इंजेक्शन का प्रयोग कर रहे थे। यह प्रतिबंधित स्टेरायड ड्रग्स की श्रेणी में आते हैं। बरामद कई इंजेक्शन पशुओं को लगाए जाते हैं। लंबे समय बाद इसका दुष्प्रभाव सामने आता है। एसएसपी ने युवाओं से जल्दी बॉडी बनाने के प्रयास में ऐसे इंजेक्शन प्रयोग न करने की अपील की है।