जानसठ में टीका न आक्सीजन, बस बीमार ही बीमार
जानसठ में कोरोना संक्रमण को लेकर जिला मुख्यालय पर जो व्यवस्थाएं है सो है लेकिन ग्रामीण आंचल में स्थिति बहुत ही भयावह होती जा रही है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। जानसठ में कोरोना संक्रमण को लेकर जिला मुख्यालय पर जो व्यवस्थाएं है सो है लेकिन ग्रामीण आंचल में स्थिति बहुत ही भयावह होती जा रही है। सीएचसी पर न तो कोई टीकाकरण ही हो रहा है और न ही आक्सीजन की ही व्यवस्था बन रही है। सबकुछ राम भरोसे चल रहा है। यदि कोई मरीज आ भी जाए तो डाक्टर से देखना तक पसंद नहीं करते है। इससे आम मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कोरोना संक्रमण में ग्रामीण आंचल में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। हालांकि सरकार के आदेशानुसार गांव में घर घर जाकर सर्वे चल रहा है कि किसको बुखार है या नहीं, लेकिन वह कागजों में ही चल रहा है। वास्तविक स्थिति बहुत ही खराब है।
लोग बुखार से पीडित होकर अपनी बची सांसों को लेकर सीएचसी इस आस से आते हैं कि शायद वहां पर जीवन दायनी मिल जाए, लेकिन चिकित्सक उसे चंद मिंटों में ही जिला अस्पताल रेफर कर देते हैं। गांव सालारपुर के पूर्व प्रधान सतपाल को कई दिनों से बुखार आ रहा था, जिसकों सीएचसी लाया गया, जहां पर उसका कोरोना टेस्ट करके जिला अस्तपाल ले जाने की सलाह दी गई लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। सीएचसी प्रभारी को फोन करो तो वह फोन तक उठाना गवारा नहीं करते है। दो दिन से वैक्सीन खत्म होने के बाद टीकाकरण भी रूका हुआ है, जिसके चलते लोगों को परेशानी हो रही है। टीकाकरण के बारे में पूछने पर भी कोई संतुष्टीपूर्ण जवाब न मिलने पर लोग निराश होकर लौट जाते हैं।