जिंदगी एकाएक ठहर सी गई थी
कोरोना वायरस संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री के आहवान पर ठीक एक साल पहले 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगा था। शिव चौक जैसे व्यस्ततम क्षेत्र में भी सन्नाटा छा गया था। पुलिस दिन भर मार्च करती रही थी जबकि स्वास्थ्य विभाग किसी भी संभावित मरीज के लिए अलर्ट रहा। जनता कर्फ्यू को एक साल बीता। इस दौरान काफी कुछ बदला लेकिन सुखद यह रहा कि कोरोना से बचाव के लिए टीका विकसित कर लिया गया। यह लोगों को लगाया जा रहा है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। कोरोना वायरस संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री के आहवान पर ठीक एक साल पहले 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगा था। शिव चौक जैसे व्यस्ततम क्षेत्र में भी सन्नाटा छा गया था। पुलिस दिन भर मार्च करती रही थी, जबकि स्वास्थ्य विभाग किसी भी संभावित मरीज के लिए अलर्ट रहा। जनता कर्फ्यू को एक साल बीता। इस दौरान काफी कुछ बदला लेकिन सुखद यह रहा कि कोरोना से बचाव के लिए टीका विकसित कर लिया गया। यह लोगों को लगाया जा रहा है।
एक साल पूर्व कोरोना वायरस संक्रमण की दहशत लोगों के दिलो-दिमाग पर थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संक्रमण से निपटने व उससे मुकाबला करने के लिए देश के नाम दिये गए संबोधन में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की घोषणा की थी। सुबह से पांच से रात नौ बजे तक के जनता कर्फ्यू के दौरान जिदगी ठहर सी गई थी। वहीं, शहर की ह्रदय स्थली कहलाने वाले शिव चौक, मीनाक्षी चौक, महावीर चौक समेत शहर के व्यस्ततम क्षेत्र में दिन भर सन्नाटा पसरा रहा। हांलाकि लापरवाही दिखाते हुए कुछ मोहल्लों में लोगों ने गलियों में क्रिकेट व दूसरे खेल खेले थे। थम गई थी जिदगी, गतिमान रहा था समय का चक्र
एक साल पूर्व 22 मार्च को मानो जीवन ठहर सा गया था, लेकिन समय का चक्र निर्धारित पथ पर गतिमान रहा। रात नौ बजे शहर की कुछ सड़कों पर आवागमन बहाल हुआ, लेकिन लोगों के चेहरों पर संभावित कोरोना वायरस संक्रमण की दहशत थी। डा. बालियान ने कर लिया था अपने को आइसोलेट
जनता कर्फ्यू से पहले ही गायिका कनिका कपूर में कोविड-19 की पुष्टि हो गई थी। लंदन से लौटी गायिका कनिका कपूर की लखनऊ में आयोजित पार्टी में सांसद दुष्यंत सिंह शामिल हुए थे। सांसद दुष्यंत सिंह ने तीन दिन संसद में बिताए थे। तीन दिन तक संसद में दुष्यंत सिंह के साथ रहे केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने कोरोना प्रोटोकोल का पालन करते हुए अपने आपको होम आइसोलेट कर लिया था। जिला अस्पताल में बना था आइसोलेशन वार्ड
संभावित कोरोना पाजीटिव मरीजों के उपचार के लिए जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया था। गत वर्ष 22 मार्च को स्वास्थ्य विभाग तथा जिला अस्पताल के चिकित्सक कोविड-19 लक्षण वाले मरीज के उपचार के लिए अलर्ट थे। हालांकि उक्त दिन एक भी ऐसा मरीज अस्पताल नहीं पहुंचा था।