प्रदेश के विकास को बंटवारा जरूरी : ओमप्रकाश
मुजफ्फरनगर : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण्
मुजफ्फरनगर : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने इशारों-इशारों में भाजपा सरकार पर तंज कसा। कहा कि पश्चिम उप्र की मांगों को सांसद और विधायक दिल्ली व लखनऊ में पुरजोर तरीके से नहीं उठा पाते। इसी का नतीजा है कि पश्चिम में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित नहीं हो पाई। हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर जनता को लड़ाया जाता है। कहा कि विकास के लिए प्रदेश का बंटवारा जरूरी है।
नवीन मंडी के समीप एक बैंक्वेट हाल में आयोजित कार्यक्रम में राजभर ने कहा कि चुनाव के दौरान खूब वादे किए जाते हैं, लेकिन सांसद और विधायक बनने के बाद जनता की लड़ाई भूल जाते हैं। सदन में यहां की समस्याएं मजबूती से नहीं गूंजती। हाईकोर्ट बेंच की स्थापना और किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान समय हो होना चाहिए। कहा कि हिन्दू- मुस्लिमों को आपस में लड़ाया जा रहा है। नारा दिया जा रहा है कि हिन्दू खतरे में है। ऐसे लोगों से वे पूछना चाहते हैं कि जब मुगल शासन था तब हिन्दू खतरे में नहीं थे। अब हिन्दुओं की सरकार है फिर हिन्दू खतरे में कैसे है? उन्होंने कहा कि विधायक, सांसद बनने के बाद ¨जदगी भर के लिए पेंशन लागू हो जाती है। यह व्यवस्था बंद होनी चाहिए। कहा कि विकास के लिए प्रदेश का बंटवारा जरूरी है। वे मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से इस बारे में बात करेंगे। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामपाल मांडी ने कहा वे पश्चिम उप्र में हाईकोर्ट की बेंच समेत प्रदेश बंटवारे की लड़ाई काफी दिनों से लड़ रहे हैं।
पार्टी के जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार राठी, जिला बार संघ अध्यक्ष राजेश्वर दत्त त्यागी, विनय कुमार सहरावत, बलराज प्रजापति, अर¨वद राजभर, र¨वद्र पुनिया, संजय तायल, राजकुमार राणा आदि मौजूद रहे।
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सरकार में हूं, लेकिन चुप नहीं बैठूंगा
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि कई मसलों को लेकर उनका सरकार से मतभेद है। गरीब जनता के हितों की अनदेखी पर चुप नहीं बैठूंगा। रसोई गैस सिलेंडर 800 रुपए में मिल रहा है। डीजल-पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं, क्या यहीं अच्छे दिन हैं? गुजरात और बिहार में शराब बंदी कानून बना है। उप्र में भी इसे लागू कराने को वे प्रयासरत है। कहा कि एससी/एसटी प्रकरण और भीम आर्मी को लेकर सरकार का राजनीतिक दांव उल्टा पड़ गया।