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नए पुल बने, जर्जर से आवागमन जारी

जिले में वैसे तो पुलों का जाल बना हुआ है इनमें से सभी ब्रिटिशकालीन पुल जर्जर हालत में हैं। गंगनहर के अलावा काली और हिडन पर नए पुल बनाए गए हैं। जौली गंगनहर पर मियाद पूरी कर चुके पुल के बराबर में नए पुल का निर्माण बीते दिनों ही शुरू किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 11:59 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 11:59 PM (IST)
नए पुल बने, जर्जर से आवागमन जारी
नए पुल बने, जर्जर से आवागमन जारी

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। जिले में वैसे तो पुलों का जाल बना हुआ है, इनमें से सभी ब्रिटिशकालीन पुल जर्जर हालत में हैं। गंगनहर के अलावा काली और हिडन पर नए पुल बनाए गए हैं। जौली गंगनहर पर मियाद पूरी कर चुके पुल के बराबर में नए पुल का निर्माण बीते दिनों ही शुरू किया गया है। अधिकतर जर्जर पुलों से यात्रियों और वाहनों का आवागमन जारी हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और पीडब्ल्यूडी की ओर से हिडन और काली नदी पर पुलों का निर्माण कराया गया है। कई पुल प्रस्तावित हैं।

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जिले में लोग जान जोखिम में डालकर जर्जर पुलों से गुजर रहे हैं। कई पुलों से आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है, लेकिन इनसे होकर हर रोज बड़ी संख्या में लोग गुजरते हैं। शामली रोड पर बस स्टैंड के समीप दो साल पुल को आवागमन के लिए प्रतिबंधित कर दिया था और बराबर में नया पुल बनाया गया था। पुराने पुल से आज भी लोग गुजर रहे हैं। शुरुआत में प्रशासन ने पुल के दोनों ओर दीवार खड़ी कर दी थी, जो अब दिखाई नहीं देती है। यही आलम शमली रोड पर काली नदी पर बने पुल का है।

गंगनहर के पुलों की बात की जाए तो बेलड़ा और खतौली गंगनहर पर बने ब्रिटिशकालीन पुलों पर भारी वाहन बैन हैं। इसके बावजूद यहां से वाहनों का आवागमन हो रहा है। इतना ही नहीं खतौली क्षेत्र से पुरकाजी तक गंगनहर पटरी पर बने सभी 14 ब्रिटिशकालीन पुलों की मियाद खत्म हो चुकी है, लेकिन लोग जान जोखिम में डालकर गुजर रहे हैं। काली नदी पर स्थित बावनदरा पुल पर भी आवागमन को रोका गया है। इसी पुल के समीप स्टेट हाईवे पर नया पुल बनाया गया है।

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जर्जर पुलों से गुजरने को मजबूर ग्रामीण

बेहड़ा आस्सा निवासी धरमवीर का कहना है कि गंगनहर पर बने दाहखेड़ी पुल से आए दिन गुजरना पड़ता है। कवाल, काटका, दाहखेड़ी, सिखेड़ा जाने के लिए इसी पुल से जाना होता है। पुल जर्जर हालत में है। कभी भी हादसा हो सकता है।

दाहखेड़ी निवासी प्रवीण कुमार का कहना है कि गंगनहर पर अधिकांश पुल अंग्रेजों के जमाने के हैं, जो अब जर्जर हो चुके हैं। इन पुलों के स्थान पर सरकार को नए पुल बनाने चाहिए। पुलों से गुजरने में खतरा तो हैं, लेकिन पुल क्रास करना मजबूरी है।

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गंगनहर, हिडन और काली नदी पर पुल बनवाए गए हैं। पानीपत-खटीमा राष्ट्रीय राजमार्ग स्वीकृत कराने के बाद दो साल से लगातर पुल बन रहे हैं। जर्जर पुलों की सूची प्रशासन से ली जाएगी। इन पुलों के स्थान पर नए बनान को केंद्र और प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

- डा. संजीव बालियान, केंद्रीय राज्यमंत्री

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सदर विधानसभा क्षेत्र में काली और हिडन नदी पर तीन पुल एक साल पूर्व ही बनवाए गए, इनमें से दो शामली रोड पर शामिल हैं। मिमलाना रोड से चरथावल रोड पर बड़ा पुल बनवाया गया। तीनों पुलों पर करीब 21 करोड़ रुपये की लागत आई है।

- कपिलदेव अग्रवाल, राज्यमंत्री

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जौलीनगर पर ब्रिज कारपोरेशन की ओर से पुल बनाया जा रहा है। ब्रिटिशकालीन पुल की मियाद पुरी हो चुकी है। इसके समीप ही बीते दिनों निर्माण कार्य शुरू हुआ है। जल्द ही पुल का निर्माण पूरा हो जाएगा।

-हरि शर्मा, एक्सईएन गंगनहर


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