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कारागार में फोन चलाते पकड़े गए तो होगी पांच साल की सजा

सूबे की जेलों में बंदियों पर लगाम लगाने के लिए शासन ने जेल मैन्युअल में संशोधन करते हुए कड़ी सजा का प्रावधान किया है। अब अगर जेल में बंदी मोबाइल चलाते हुए पकड़ा गया तो उसे पांच साल की सजा के साथ-साथ पचास हजार का जुर्माना भी भुगतना पड़ेगा। जनपद का जिला कारागार सूबे के संवेदनशील कारागार में शुमार है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 07:38 PM (IST)Updated: Wed, 17 Nov 2021 07:38 PM (IST)
कारागार में फोन चलाते पकड़े गए तो होगी पांच साल की सजा
कारागार में फोन चलाते पकड़े गए तो होगी पांच साल की सजा

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। सूबे की जेलों में बंदियों पर लगाम लगाने के लिए शासन ने जेल मैन्युअल में संशोधन करते हुए कड़ी सजा का प्रावधान किया है। अब अगर जेल में बंदी मोबाइल चलाते हुए पकड़ा गया तो उसे पांच साल की सजा के साथ-साथ पचास हजार का जुर्माना भी भुगतना पड़ेगा। जनपद का जिला कारागार सूबे के संवेदनशील कारागार में शुमार है। पूर्व में कई बार जिला कारागार में मोबाइल पकड़े जा चुके हैं। कारागार में मोबाइल संचालन की शिकायत पर सूबे में सबसे पहले जिला कारागार में कई करोड की लागत से मोबाइल जैमर लगाए गए थे। बावजूद इसके कई बार बंदियों से मोबाइल बरामद किए गए थे। अब शासन ने कारागार में मोबाइल का प्रयोग करने वाले बंदियों के खिलाफ कड़े नियम लागू किए हैं। जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि जेल में मोबाइल के संचालन पर अब शासन ने जेल मैन्युअल 1984 की धारा 42 और 43 में संशोधन किया है। नए संशोधन के तहत यदि कारागार में कोई बंदी मोबाइल, इंटरनेट वाई फाई या संचार उपकरण के साथ पकडा जाता है तो उसे पांच साल की सजा के साथ-साथ पचास हजार के जुर्माने की सजा हो सकती है। पहले बंदी रक्षकों पर होती थी कार्रवाई

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प्रदेश की जेलों में मोबाइल का चलन काफी पुराना है। जिला कारागार में भी कई बार मोबाइल और सिम पकड़े जा चुके हैं। हालांकि मोबाइल पकड़े जाने पर बंदी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती थी। मुकदमा दर्ज होने के बाद एफआर लगा दी जाती थी। ड्यूटी पर तैनात बंदी रक्षक के खिलाफ ही लापरवाही बरतने की कार्रवाई करते हुए उसे सस्पेंड तक कर दिया जाता था, क्योंकि पुराने जेल मैन्युअल में मोबाइल संचालन पर सजा का कोई प्रावधान नहीं था।

कड़ाई से कराया जाएगा नियम का पालन

जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा का कहना है कि नए जेल मैन्युअल के बारे में सभी बंदियों को अवगत करा दिया गया है। यदि जेल में किसी बंदी या कैदी पर मोबाइल या अन्य संचार उपकरण पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इतना ही नहीं बंदी से मोबाइल पर बात करने वाला भी कार्रवाई के दायरे में आएगा।


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