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'कुपोषण का कलंक मिटाने में सहायक होंगे खिलौने'

मुजफ्फरनगर : नैनिहालों की जिंदगी कुपोषण के मकड़जाल में जकड़ी हुई। इससे निजात पाने के ि

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Apr 2018 11:50 PM (IST)Updated: Tue, 10 Apr 2018 11:50 PM (IST)
'कुपोषण का कलंक मिटाने में सहायक होंगे खिलौने'
'कुपोषण का कलंक मिटाने में सहायक होंगे खिलौने'

मुजफ्फरनगर : नैनिहालों की जिंदगी कुपोषण के मकड़जाल में जकड़ी हुई। इससे निजात पाने के लिए जनपद में पहल शुरू हुई है। विकास भवन में खिलौना बैंक का शुभारंभ मंगलवार को हुआ है। कई अधिकारियों ने खरीदकर खिलौने दिए हैं। खिलौने आंगनबाड़ी केंद्रों से बच्चों को वितरित किए जाएंगे। जिन बच्चों को खिलौने दिए जाएंगे, उन्हें समय से पुष्टाहार भी मिलेगा। नियमित उनके वजन की जांच होगी और खान-पान के बारे में अभिभावकों को जानकारी दी जाएगी।

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सीडीओ अर्चना वर्मा ने मंगलवार को विकास भवन प्रांगण में खिलौना बैंक का उद्घाटन किया। उन्होंने अधिकारियों, कर्मचारियों और नागरिकों से अपील की है कि गरीब बच्चों के लिए खिलौने यहां जमा कराएं। टूटे हुए खिलौने जमा नहीं करने हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर घरों में खिलौने बेवजह रखे रहते हैं। बच्चों के बड़े होने पर खिलौने बैंक में जमा कर सकते हैं। इसकी नोडल अधिकारी डीपीओ आशा ¨सह को बनाया गया है। पूरी योजना उनकी देखरेख में चलेगी। आशा ¨सह ने बताया कि सीडीओ, जिला उद्योग अधिकारी, सीडीपीओ सदर, चरथावल, पुरकाजी और बुढ़ाना ने बैंक में घोड़ा, डोल, झूला, टेडी वियर, छोटी कुर्सी व ¨रग आदि खिलौने जमा कराए हैं। उन्होंने भी कई खिलौने दिए हैं। सभी ने अपनी सैलरी से खिलौना खरीदा है। अन्य अधिकारी, कर्मचारी और नागरिक भी खिलौने जमा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सभी खिलौनों को समय-समय पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेजा जाएगा, वहां से बच्चों को आवंटित किए जाएंगे। खिलौने लेने वाले बच्चों को पुष्टाहार दिया जाएगा। उनका नियमित वजन और जरूरत पड़ने पर मेडिकल चेकअप भी कराया जाएगा। योजना का उद्देश्य बच्चों की शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक क्षमता का विकास करना है। तीन से छह साल तक के बच्चों को खिलौने दिए जाएंगे। दो माह से बंद हैं पुष्टाहार

डीपीओ आशा ¨सह ने बताया कि जनपद के 2274 आंगनबाड़ी केंद्रों पर दो माह से पुष्टाहार वितरित नहीं हुआ है। दरअसल, प्रदेशस्तर से नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि दो माह से विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को सैलरी भी नहीं मिली है। आलाधिकारियों से आश्वासन मिला है कि जल्द ही टेंडर हो जाएंगे और व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी। उन्होंने बताया कि जैसे ही शासन से पुष्टाहार आ जाएगा, बच्चों को खिलौने सहित वितरित किया जाएगा।


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