गरीबों के मुफ्त राशन पर माफिया की नजर
एक ओर तो सरकार गरीबों को मुफ्त का राशन उपलब्ध करा रही है वहीं दूसरी ओर फ्री-राशन पर राशन माफिया की नजर लग गई है। सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से मिलने वाला राशन जमकर खरीदा जा रहा है। इस ओर न तो पूर्ति विभाग का ही ध्यान जा रहा है और न प्रशासनिक अधिकारियों का।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। एक ओर तो सरकार गरीबों को मुफ्त का राशन उपलब्ध करा रही है वहीं दूसरी ओर फ्री-राशन पर राशन माफिया की नजर लग गई है। सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से मिलने वाला राशन जमकर खरीदा जा रहा है। इस ओर न तो पूर्ति विभाग का ही ध्यान जा रहा है और न प्रशासनिक अधिकारियों का।
देश में लाकडाउन के चलते प्रधानमंत्री की गरीबों को मई से नवंबर तक फ्री-राशन देने की घोषणा के बाद गांव व कस्बों में प्रति यूनिट पांच किलो राशन दिया जाने लगा। तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल दिए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने भी इतनी ही मात्रा में जून, जुलाई व अगस्त माह में राशन देना शुरू कर दिया। कार्डधारकों को महीने में दो राशन बार दिया जाता है। फ्री-राशन पर माफिया की नजर लग गई है। उन्होंने गांव-गांव जाकर औने-पौने दाम में राशन खरीद कर मंडी पहुंचाना शुरू कर दिया है। कुछ गांवों में तो राशन डीलर भी इस काम में संलिप्त हैं। वर्तमान में मंडी में गेहूं का दाम करीब 1600 रुपये प्रति कुंतल चल रहा है, जबकि चावल का दाम करीब 1850 प्रति कुंतल है, लेकिन माफिया व राशन डीलर गेहूं 1000 से 1100 रुपये कुंतल तक खरीद रहे हैं, जबकि चावल 1200 से 1300 रुपये प्रति कुंतल तक खरीद कर मंडी पहुंचा रहे हैं। इससे राशन माफिया की चांदी कट रही है। जानसठ कस्बे के तालड़ा गांव में राशन बेचती महिला से इसके बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि राशन व गेहूं के अलावा भी खर्च होते हैं, जिसे पूरा करने के लिए राशन बेच रही हैं। आपूर्ति निरीक्षक अनिल कुमार ने कहा कि अभी तक राशन डीलर के राशन खरीद की बात सामने नहीं आई है। यदि कोई राशन डीलर इसमें संलिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राशन वितरण में डीलरों की मनमानी, कर रहे घटतौली
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। चरथावल में राशन डीलरों पर गरीब के राशन में घटतौली व शिकायत करने पर यूनिट कटवाने की धमकी देने के आरोप कार्डधारक लगा रहे हैं। कार्डधारकों ने कोटेदारों की शिकायत ग्राम प्रधान व एसडीएम सदर से करते हुए पूरा राशन दिलवाने की गुहार लगायी है।
कोरोना के चलते लाकडाउन में काम-धंधा चौपट होने से लोगों के सामने भूखों मरने की नौबत आ गयी थी। इसे देखते हुए सरकार ने गरीबों के लिए नवंबर तक राशन फ्री कर दिया था। आरोप है कि कुछ राशन डीलर मशीन में नाम फीड न होने का बहाना कर लोगों का राशन डकारने में लगे हैं। वहीं कुछ कोटेदार राशन में कटौती कर लोगों को पूरा राशन नहीं दे रहे हैं। आरोप है कि राशन डीलर यूनिट में कटौती कर राशन बांटते हैं और विभाग में इसकी कोई सुनवाई भी नहीं हो रही है। राशन डीलरों की मनमानी से लोग परेशान हैं। एक तरफ वह आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार से फ्री में मिलने वाला राशन उन तक नहीं पहुंच पा रहा है। राशन डीलरों से अधिक यूनिट कटौती व घटतौली पर पूछने पर जवाब मिलता है कि अगली बार मत आना। बिरालसी गांव निवासी सुनीता ने ग्राम प्रधान लोकेश कुमार को दिए पत्र में आरोप लगाया है कि कई चक्कर काटने के बाद भी राशन डीलर ने उसे राशन नहीं दिया। प्रधान से शिकायत करने पर उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया। राशन बांटने में पारदर्शिता नहीं है। कुछ डीलर तो बिना रोस्टर के राशन बांटते हैं और नियम-कायदों को भी ताक पर रख दिया है। कार्डधारकों ने राशन वितरण में चल रही धांधली व कम राशन देने वाले डीलरों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की गुहार जिला प्रशासन से लगायी है।