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भागवत पीठ के दर्शन करने पहुंचीं लोकसभा अध्यक्ष की पत्नी

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की पत्नी डा. अमिता बिड़ला गुरुवार को अपने परिवार के साथ शुकतीर्थ स्थित भागवत पीठ श्रीशुकदेव आश्रम पहुंचीं। शुकदेव मंदिर में पूजा-अर्चना की तथा तीर्थ के जीर्णोद्धारक स्वामी कल्याणदेव महाराज के समाधि मंदिर मे पुष्पांजलि अर्पित की। पावन वटवृक्ष की परिक्रमा और शिक्षा ऋषि की स्मृति में बनी प्रदर्शनी गैलरी का अवलोकन किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 11:40 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 11:40 PM (IST)
भागवत पीठ के दर्शन करने पहुंचीं लोकसभा अध्यक्ष की पत्नी
भागवत पीठ के दर्शन करने पहुंचीं लोकसभा अध्यक्ष की पत्नी

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की पत्नी डा. अमिता बिड़ला गुरुवार को अपने परिवार के साथ शुकतीर्थ स्थित भागवत पीठ श्रीशुकदेव आश्रम पहुंचीं। शुकदेव मंदिर में पूजा-अर्चना की तथा तीर्थ के जीर्णोद्धारक स्वामी कल्याणदेव महाराज के समाधि मंदिर मे पुष्पांजलि अर्पित की। पावन वटवृक्ष की परिक्रमा और शिक्षा ऋषि की स्मृति में बनी प्रदर्शनी गैलरी का अवलोकन किया।

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भागवत पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज ने उन्हें दुपट्टा, शाल, शुकतीर्थ साहित्य, प्रसाद और रुद्राक्ष माला भेंट की। उन्होंने कहा कि यह भागवत की जन्मभूमि है। यहां पूर्व में भी लोकसभा अध्यक्ष आए हैं। डा. अमिता बिड़ला ने कहा कि इस तीर्थ पर मुझे परम सुख और शांति की अनुभूति हो रही है। इस दौरान उनकी मां शांति देवी, बड़े भाई अनिल दीक्षित, अंकित दीक्षित मौजूद रहे।

शरद पूर्णिमा पर भक्ति में लीन रहे श्रद्धालुगण

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। शरद पूर्णिमा के अवसर पर मीरापुर के कासमपुर खोला गांव में स्थित सतगुरु गोविंददास की समाधिस्थल पर भंडारा व शब्द-बाणी और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने गुरु स्मरण करते हुए भक्तिरस का आनंद लिया।

कासमपुर खोला व रुमालपुरी के निकट स्थित गुरु गोविद दास आश्रम में दूरदराज से पहुंचे श्रद्धालुओं ने सर्वप्रथम गुरु गोविद दास के मंदिर में पूजा-अर्चना कर नमन किया तथा भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद रातभर सत्संग और भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ। सत्संग में धामपुर, शुक्रताल, दाहा व दोघट आदि अनेक स्थानों से संत उपस्थित हुए। इस दौरान स्वामी देवेंद्रगिरी महाराज ने कहा कि कामना, इच्छा को त्यागकर कम से कम में जीवन जीने से और सद्कर्म करने से ही मनुष्य को सुख की प्राप्ति हो सकती है। सत्संग में अध्यक्षता धामपुर से पधारे रामचरण दास महाराज ने की तथा संचालन मास्टर मदनपाल सिंह ने किया। कीर्तन में प्रमोद, लक्ष्मण सिंह, आचार्य संजय दास, राजेश, मनोज खंदरावली, बोध प्रकाश व गांधारी महाराज आदि ने गुरुमहाराजजी के श्रीचरणों में अपनी वाणी रखकर वंदन किया। कार्यक्रम में राजसिंह, कर्मवीर, सूबेपाल, ब्रह्मपाल, भंवरसिंह, नरेंद्रशर्मा, भलेराम व वीरसैन आदि सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।


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