काम के साथ रास्ते बंद, पालिका ने दिया आसरा
लॉकडाउन में काम के साथ रास्ते भी बंद हो गए हैं। पैदल ही घर ओर निकले लेकिन साधन नहीं मिलने से भटकते रहे। ऐसे में पालिका ने अपना शेल्टर होम खोल दिया। शुरुआत में व्य
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। लॉकडाउन में काम के साथ रास्ते भी बंद हो गए हैं। पैदल ही घर ओर निकले, लेकिन साधन नहीं मिलने से भटकते रहे, ऐसे में पालिका ने अपना शेल्टर होम खोल दिया। शुरुआत में व्यवस्था लड़खड़ाई जरूर, लेकिन अब हालात सामान्य है। शेल्टर होम में कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड के साथ बिहार प्रांत के कामगारों को आसरा दिया गया है। यहां इनके पूरे एक माह के राशन का इंतजाम किया गया है। सुबह और शाम में भोजन दिया जा रहा है।
नगर पालिका ने रेलवे रोड पर तीन मंजिला शेल्टर होम (रैन बसेरा) खोल दिया है। यहां करीब 50 बेड रखे गए हैं, जबकि कर्मचारी योगेंद्र शर्मा की तैनाती की गई है। योगेंद्र के अनुसार लॉकडाउन होने के बाद कुछ कामगार होटल, निर्माण कार्य बंद होने के बाद घर जाने को निकल पड़े। पहले रोडवेज और फिर रेलवे स्टेशन पर घूमते रहे। प्रशासन ने इन्हें घूमता देख शेल्टर होम में आसरा दिलाया है। मौजूदा समय में शेल्टर होम में करीब 24 कामगार ठहराए गए हैं। इनमें कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के हरिद्वार, बिहार प्रांत के रहने वाले हैं, जो यहां रहकर श्रमिक के तौर पर काम कर रहे थे। लॉकडाउन खत्म होने तक यह लोग यहीं रहेंगे। ईओ विनय कुमार मणि त्रिपाठी ने बताया कि सभी कामगारों के लिए एक माह का राशन रखवाया गया है। सभी का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया। साथ सिविल लाइन थाने में भी रिकॉर्ड भेजा गया है। इन सबको सुबह और शाम में खाना दिया जा रहा है। खाने के वक्त एक व्यक्ति को एक बार में बुलाया जा रहा है। प्रत्येक कमरे को सैनिटाइज कराया जार रहा है, ताकि कोई आंशका नहीं बनी रहे।