प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को खून से लिखा पत्र
मांगों को लेकर उप्र फिशरमैन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को खून से पत्र लिखा है। कहा कि उनकी मांगों को लंबे समय से दरकिनार किया जा रहा है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। मांगों को लेकर उप्र फिशरमैन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को खून से पत्र लिखा है। कहा कि उनकी मांगों को लंबे समय से दरकिनार किया जा रहा है।
पदाधिकारियों का कचहरी में गुरुवार को भी धरना जारी रहा। फिशरमैन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र कश्यप ने कहा कि कश्यप समाज ने भाजपा की वादाखिलाफी से दुखी होकर खून से पत्र लिखा है। शीतकालीन सत्र में सरकार ने आरक्षण लागू नहीं किया तो भाजपाइयों का आगामी विधानसभा चुनाव में विरोध किया जाएगा। प्रदेश महासचिव सुरेश पाल कश्यप ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस सरकार ने मछुआ समुदाय के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिए। आरोप लगाया कि सपा, बसपा व भाजपा सरकारों ने मछुआ समुदाय के लोगों के पुश्तैनी धंधों को कमजोर किया है। इन धंधों पर माफिया काबिज हो गए हैं। पत्र लिखने वालों में जयभगवान कश्यप, मनोज कश्यप, संजीव कश्यप, आनंद कश्यप, सोमपाल कश्यप, राजीव कश्यप, रामबीर कश्यप, डा. रवींद्र कुमार पाल, सौरभ कश्यप, भोपाल कश्यप, बाबी कश्यप, अंकुश कश्यप व विशाल कश्यप आदि मौजूद रहे।
निजीकरण के विरोध में भड़के कर्मचारी
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को सिचाई विभाग के डाक बंगले पर धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि निजीकरण और आउटसोर्सिग पर रोक लगाई जाए। पुरानी पेंशन बहाल की जाए। महासंघ के जिलाध्यक्ष राहुल चौधरी ने कहा कि कर्मचारी लंबे समय से मांगे कर रहे हैं। कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार निजीकरण पर जोर दे रही है, जो कर्मचारी और जनताहित में नहीं है। मांग की कि कर्मचारियों के जो भत्ते बंद कर दिए गए हैं, उन्हें बहाल किया जाए। आंगनबाड़ी, आशाएं और भोजन माताओं का मानदेय कम से कम 18 हजार रुपये किया जाए। कनिष्क सहायक और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ग्रेड पे बढ़ाया जाए। इस दौरान संगठन के जिला उपाध्यक्ष विकास कुमार ने कहा कि वर्षो से लंबित कैश-लैस चिकित्सा व्यवस्था लागू की जाए। विभिन्न विभागों के रिक्त पदों को भरा जाए।