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ज्ञान के समुद्र में लक्ष्मण को मिले मोती

पढ़ाई उम्र की मोहताज नहीं..और जीवन में पढ़ाई का कोई अंत नहीं। इस कहावत पर मुजफ्फरनगर के लक्ष्मण सिंह खरे उतर रहे हैं। हर विषय के ज्ञान को बटोरने की सोच को मन में लेकर शहर के खादरवाला निवासी लक्ष्मण सिंह कई वर्षों से नए-नए विषयों में योग्यता की सीढ़ी चढ़ते जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 12:30 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 06:11 AM (IST)
ज्ञान के समुद्र में लक्ष्मण को मिले मोती
ज्ञान के समुद्र में लक्ष्मण को मिले मोती

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। पढ़ाई उम्र की मोहताज नहीं..और जीवन में पढ़ाई का कोई अंत नहीं। इस कहावत पर मुजफ्फरनगर के लक्ष्मण सिंह खरे उतर रहे हैं। हर विषय के ज्ञान को बटोरने की सोच को मन में लेकर शहर के खादरवाला निवासी लक्ष्मण सिंह कई वर्षों से नए-नए विषयों में योग्यता की सीढ़ी चढ़ते जा रहे हैं। जेएनयू और जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों से पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने के साथ वें विभिन्न विषयों में नेट की परीक्षाएं भी प्रतिवर्ष निकाल रहे हैं। पिछले तीन वर्ष से लगातार नेट की परीक्षाएं निकालने के साथ उनके जीवन में पढ़ाई का अभी भी अंत नहीं है। वर्तमान में जयपुर लोक निर्माण विभाग में अनुवाद अधिकारी के पद संभालते हुए नए-नए विषयों विषयों में शिक्षा प्राप्त करने की ललक को पूरा कर रहे हैं।

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मूल रूप से चरथावल के गांव कसियारा निवासी बोहरन लाल के पुत्र लक्ष्मण सिंह अपनी शिक्षा और अनेकों डिग्रियों प्राप्त करने में महारथ प्राप्त कर चुके हैं। शहर के डीएवी इंटर कॉलेज से शुरू हुई उनकी शिक्षा का स्तर दिल्ली यूनिवर्सिटी से जामिया मिलिया इस्लामिया कॉलेज और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी तक पहुंच गया है। लक्ष्मण सिंह बताते हैं कि अधिकतर भाषाओं का ज्ञान प्राप्त करने के साथ नए विषयों में डिप्लोमा, प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की इच्छा रहती है। जयपुर लोक निर्माण विभाग में उच्च पद पर नौकर मिलने के बाद भी अरबी कचर एडं इस्लामिक स्टडीज के साथ दलित राजनीति कला में पीएचडी करने को लक्ष्मण सिंह बड़ी उपलब्धि मानते हैं। इन विषयों में प्राप्त की यह डिग्रियां

लक्ष्मण सिंह ने वर्ष 1996 में शहर के डीएवी इंटर कालेज से 12वीं के बाद दिल्ली यूनिवर्सटी से स्नातक की। इसके बाद जेएनयू से चीनी एवं स्पेनिश भाषाओं की पढ़ाई के साथ वहीं से कला एवं सौंदर्य शास्त्र में परास्नातक की। 2009 में जामिया मिलिया इस्लामिया से दलित राजनीति में एमफिल व 2018 में इसी विषय में पीएचडी कर ली। नेट की परीक्षाओं में रिकार्ड

लक्षमण सिंह ने इंडियन कल्चर, डांस एवं ड्रामा, राजनीति विज्ञान, समाज शास्त्र, अरब कल्चर एवं इस्लामिक स्टडीज विषय में नेट उत्तीर्ण किया है। इसके अलावा भी उन्होंने रेड द हिमालय रैली, नेपाल में दलित की संस्कृति व रहन-सहन पर शोध के साथ चीन की यात्रा की की है।


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