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श्रद्धालुओं को छोड़ा भगवान भरोसे

पुरकाजी (मुजफ्फरनगर) : मुख्यमंत्री के कांवड़ मेला को प्राथमिकता पर लेने के बावजूद अफसरशाही

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Aug 2018 07:12 PM (IST)Updated: Fri, 03 Aug 2018 07:12 PM (IST)
श्रद्धालुओं को छोड़ा भगवान भरोसे
श्रद्धालुओं को छोड़ा भगवान भरोसे

पुरकाजी (मुजफ्फरनगर) : मुख्यमंत्री के कांवड़ मेला को प्राथमिकता पर लेने के बावजूद अफसरशाही के चलते भोलों को खराब रास्तों से भगवान भरोसे यात्रा पूरी करनी पड़ रही है। संख्या इतनी बढ़ चुकी है कि अफसरों ने मेला में सुविधा के नाम पर सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया है।

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कावड़ यात्रा में कावड़ियों का सूबे में प्रवेश करने के लिए पुरकाजी मुख्य द्वार है। इसी गेट से प्रवेश कर हरिद्वार तथा अन्य जगहों से जल लेकर आने वाले भोले हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश व राजस्थान की ओर जाते हैं। सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा करने वाले भोलों के लिए सुविधाओं के नाम पर क्षेत्र की हालत बहुत ही खस्ता है। प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद कांवड़िए नहर पटरी को छोड़कर मुख्य मार्ग से जाने पर ही आमादा है। इस मार्ग की हालत बेहद खस्ता है। फलौदा, खड़कावाला बाग व बिजली घर के सामने आदि जगहों पर सड़क पर गड्ढे, कंकड़, जलभराव व कीचड़ की भरमार है। सड़क की मरम्मत नहीं होने के कारण कावड़ियों को गड्ढों से होकर गुजरना पड़ रहा है। पानी की निकासी न होने से कीचड़ के छींटे भोलों के कपड़ों को गंदा कर रहे हैं। दिल्ली निवासी ऋषभ गुप्ता के साथ उनका परिवार कांवड़ लेकर जा रहा है। पांच साल का मासूम बेटा रोनी कीचड़ में फिसल कर गिर गया तो उन्होंने अफसरों को कोसा। बाईपास से अलग पुराने हाइवे की बात की जाए तो भूराहेड़ी, पुरकाजी व फलौदा के करीब छह किलोमीटर लंबे मार्ग पर कहीं भी भोलों के ठहरने की व्यवस्था नहीं है। मेले की व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी राजीव शर्मा टीम के साथ क्षेत्र का दो- तीन बार दौरा कर चुके हैं। अफसर गाड़ियों में बैठे-बैठे ही निरीक्षण कर लौट जाते हैं। बढ़ती भीड़ के चलते ही फिलहाल यात्रा को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। रुक नहीं रही वाहनों की आवाजाही

पुरकाजी : प्रदेश की सीमा पर बैरिके¨डग लगाकर भारी वाहनों की आवाजाही लाख कोशिशों के बावजूद नहीं रुक पा रही है। शुक्रवार सुबह नहर पटरी से फिर दो बस जाती दिखाई दी। कस्बे के बीच मेन रोड पर कांवड़ियों का रेला चल रहा है, लेकिन इसके बीच घास व ईटों की ट्रॉलियों का आना-जाना बदस्तूर जारी है। किसी कांवड़िए को वाहनों के चलते कोई दिक्कत हुई तो कभी भी बड़ा बवाल हो सकता है। इन्होंने कहा..

इस तरह की कोई जगह संज्ञान में नहीं है, जहां भी कोई समस्या है उसे तुरंत दूर किया जा रहा है। जलभराव व गड्ढों वाली खराब जगहों को अभी ठीक कराया जाएगा।

- कुमार धर्मेद्र, एसडीएम सदर


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