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अंतरराष्ट्रीय पहलवान दिव्या बनीं अर्जुन अवॉर्डी

जनपद के गांव पुरबालियान निवासी अंतरराष्ट्रीय पहलवान दिव्या काकरान अर्जुन अवार्डी बन गई है। उन्हें खेल मंत्री किरण रिजिजू ने अवार्ड का सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जबकि ट्रॉफी बाद में मिलेगी। अवार्डी होने के बाद वह दिल्ली स्थित अपने आवास पर पहुंची। यहां स्वजनों के साथ जश्न मनाया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 11:23 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 06:07 AM (IST)
अंतरराष्ट्रीय पहलवान दिव्या बनीं अर्जुन अवॉर्डी

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। जनपद के गांव पुरबालियान निवासी अंतरराष्ट्रीय पहलवान दिव्या काकरान अर्जुन अवार्डी बन गई है। उन्हें खेल मंत्री किरण रिजिजू ने अवार्ड का सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया, जबकि ट्रॉफी बाद में मिलेगी। अवार्डी होने के बाद वह दिल्ली स्थित अपने आवास पर पहुंची। यहां स्वजनों के साथ जश्न मनाया। उनकी माता ने तिलक लगाकर बेटी का स्वागत किया। पिता ने कहा कि अब दिव्या ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीते यही कामना है। इसके लिए दिल्ली के प्रेमनाथ अखाड़े में उसके खेल को अधिक मजबूती देने के लिए मेहनत कराएंगे।

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जीवन में एक खेल अवश्य चुनें : दिव्या काकरान

दिव्या काकरान ने खेल दिवस पर सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कहा कि सभी केंद्रीय विद्यालय के सभी बच्चों को एक खेल अवश्य चुनना चाहिए, क्योंकि खेल की बदौलत शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहा जा सकता है। इसके साथ ही खेल के माध्यम से हम अपने देश, समाज और गांव का नाम रोशन कर सकते हैं। दिव्या काकरान ने खेल के माध्यम से ही जीवन को बेहतर बनाने के अनुभव भी बताए हैं। वहीं, दूसरी वीडियो में अवार्ड मिलने पर खुशी जताई। साथ ही देशवासियों, शुभचितंकों का धन्यवाद किया।

अवार्ड लेकर माता-पिता के पास पहुंची

अवार्ड लेकर सीधे अपने माता-पिता के पास पहुंची। उनके पिता सूरजवीर और माता संयोगिता ने बेटी को आशीर्वाद दिया। इसके बाद ईश्वर व खेल मंत्रालय को साधुवाद दिया। उनके पिता ने बताया कि कोरोना काल के चलते दिव्या पुरबालियान गांव नहीं जाएगी और ना ही कोई जुलूस कार्यक्रम होगा। कोरोना काल में वह कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। साधारण रूप में वह दिव्या काकरान के साथ ही हवन-यज्ञ करेंगे।

आठ साल की उम्र से शुरू हुआ था सफर

दिव्या काकरान का कुश्ती में सफर 8 साल की उम्र में शुरू हो गया था। पहली कुश्ती रामपुर में लड़ी और उसे जीत कर आगे बढ़ती चली गई। आज दिव्या के खाते में कुश्ती करियर के 72 मेडल शामिल हैं। वर्तमान में वह दिल्ली के शाहदरा रेलवे स्टेशन पर सीनियर टिकट कलेक्टर के पद पर तैनात हैं।


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