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कांवड़ यात्रा से हर रोज करोड़ों का कारोबार प्रभावित

शहर दो हिस्सों में बंटने व मुख्य मार्गो पर नाकेबंदी से व्यापारी परेशान। ट्रकों के पहिए थमे, औद्योगिक इकाइयों से नहीं हो रही माल सप्लाई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Aug 2018 11:59 PM (IST)Updated: Mon, 06 Aug 2018 11:59 PM (IST)
कांवड़ यात्रा से हर रोज करोड़ों का कारोबार प्रभावित
कांवड़ यात्रा से हर रोज करोड़ों का कारोबार प्रभावित

मुजफ्फरनगर : कांवड़ यात्रा के दौरान गांव को शहर और हाईवे से जोड़ने वाले मार्ग वाहनों के लिए बंद कर दिए गए हैं। इससे हर रोज 80 से 90 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हो रहा है। औद्योगिक इकाइयों से माल की सप्लाई नहीं हो पा रही है।

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कांवड़ यात्रा शहर के बीच से होकर गुजरती है। चार दिन से कांवड़ मार्ग समेत शहर को पुलिस-प्रशासन ने सील कर रखा है। मेरठ-रुड़की मार्ग के दोनों ओर रहने वाले नागरिकों को सर्वाधिक परेशानी उठानी पड़ रही है। शहर में केवल दो मार्ग मीनाक्षी चौक और अस्पताल चौक ही क्रॉस करने के लिए खोले गए हैं। शहर की मुख्य सड़क मेरठ रोड है। इस सड़क के बंद होने से यातायात व्यवस्था चौपट है। जिला अस्पताल तक जाना नामुमकिन है।

एसडी मार्केट, सदर बाजार, भगत ¨सह रोड, नई मंडी कपड़े का हब है। कांवड़ के चलते कपड़ा बाजार से लेकर अन्य बाजारों की रौनक गायब है। भगत ¨सह रोड पर कपड़ा समेत कास्मेटिक व सर्राफा का बड़ा बाजार है। मेरठ रोड पर दाल मंडी व सब्जी मंडी भी है, लेकिन यहां अब वीराना है। ट्रांसपोर्टेशन ठप होने से नवीन मंडी स्थित सब्जी व फल मंडी भी प्रभावित है। ट्रांसपोर्टरों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। ट्रांसपोर्टनगर में सैकड़ों लोडेड ट्रक खड़े हैं। इसके अलावा हाईवे पर भी बड़ी संख्या में ट्रक रुके हुए हैं। मेरठ रोड के व्यापारी सर्वाधिक प्रभावित हैं।

भागवंती टेक्सटाइल के मालिक दीपक कुमार ने बताया कि कांवड़ यात्रा के चलते कपड़े की आवक बंद है। ग्राहक भी काफी कम आ रहे हैं। गाजियाबाद में अटका माल

प्रतिदिन लाखों की बिक्री करने वाले दवा कारोबारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। दवाओं की आपूर्ति बाधित होने से स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा है। जिला केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रवींद्र चौधरी ने बताया कि कांवड़ के चलते 70 प्रतिशत कारोबार ठप हो गया है। अधिकतर दवाओं की डिलीवरी गाजियाबाद में रुकी हुई है। शहर में ग्रामीण क्षेत्र से केमिस्ट नहीं आ रहा है। वहीं, जनपद में लोहा, पेपर, इस्पात के कारखाने हैं। कच्चे माल की आपूर्ति और तैयार माल बाहर नहीं जा रहा है। कुछ इकाइयों ने श्रमिकों को एक सप्ताह के अवकाश पर भेज दिया है।


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