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सजा कीर्तन दरबार, गुरुवाणी के गायन से संगत निहाल

खतौली : श्रीगुरु गो¨वद ¨सह का प्रकाश पर्व रविवार को धूमधाम से मनाया गया। गुरुद्वारा श्रीगुरु ¨सह-

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 11:15 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 11:15 PM (IST)
सजा कीर्तन दरबार, गुरुवाणी के गायन से संगत निहाल
सजा कीर्तन दरबार, गुरुवाणी के गायन से संगत निहाल

खतौली : श्रीगुरु गो¨वद ¨सह का प्रकाश पर्व रविवार को धूमधाम से मनाया गया। गुरुद्वारा श्रीगुरु ¨सह-जानसठ रोड पर कीर्तन दरबार सजाया गया, जिसमें रागी जत्थे ने मधुर गुरुवाणी का गायन कर संगत को निहाल किया।

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श्रीगुरु गो¨वद ¨सह के प्रकाश पर्व की खुशी में सुबह प्रभात फेरी निकाली गई। कीर्तनी जत्थे ने गुरु साहिब की महिमा का गुणगान किया। इसके बाद गुरुद्वारा श्रीगुरु ¨सह सभा में आयोजित कीर्तन दरबार में ज्ञानी हरभजन ¨सह ने मधुर गुरुवाणी का गायन किया। गुरकीरत कौर व शरनजीत ¨सह ने कविता पाठ के माध्यम से गुरु गो¨वद ¨सह के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि गुरु गो¨वद ¨सह सिखों के दसवें गुरु हैं, जिन्होंने सन् 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी। गुरु गो¨वद ¨सह शूरवीर, योद्धा, महान तपस्वी व ब्रह्मज्ञानी थे। वे सिखों के धर्मपिता भी कहे जाते हैं।

गुरुद्वारा के प्रधान लखबीर ¨सह लक्खी, सचिव सतपाल ¨सह पाली, जसवीर ¨सह, गुरमीत ¨सह, हरबंसलाल सलूजा, गु¨रदर ¨सह, जो¨गदर ¨सह व सरबजीत आदि मौजूद रहे। कीर्तन के बाद गुरु का अटूट लंगर बांटा गया। श्रीअखंड पाठ व लंगर की सेवा सरबजीत ¨सह के परिवार ने की। उधर, बिद्दीवाड़ा स्थित गुरुद्वारा में कीर्तन दरबार सजाया गया, जिसमें गुरुवाणी का पाठ किया गया।


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