फर्जी सीबीआइ अधिकारी को लगते चले गए थे सैल्यूट
कमिश्नर एटीएस बता रहे उक्त व्यक्ति के सामने पूरा थाना एक पैर पर खड़ा हो गया। वीवीआइपी ट्रीटमेंट दिया गया और व्यापारी के घर रेड मारने के लिए दो सिपाही भी साथ चलते कर दिये गए। लेकिन कुछ देर में ही बाजी पलट गई और फर्जीवाड़ा खुलने पर आरोपित की उसी थाने में लाकर जमकर धुनाई की गई।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। सीबीआइ का अधिकारी बन नई मंडी कोतवाली पहुंचे धोखेबाज को वहां मौजूद छोटे से लेकर बड़े पुलिस अधिकारियों ने सैल्यूट ठोंके। अपने आप को सीबीआइ का डिप्टी कमिश्नर बता रहे उक्त व्यक्ति के सामने पूरा थाना एक पैर पर खड़ा हो गया। वीवीआइपी ट्रीटमेंट दिया गया और व्यापारी के घर रेड मारने के लिए दो सिपाही भी साथ चलते कर दिए गए, लेकिन कुछ देर में फर्जीवाड़ा खुलने पर आरोपित की उसी थाने में लाकर जमकर धुनाई की गई।
शनिवार रात बुलेरो गाड़ी में सवार त्रिवेन्द्र कुमार उर्फ विपुल पुत्र देवेन्द्र सिंह निवासी चांदपुर बिजनौर ने नई मंडी कोतवाली पहुंचकर अपना परिचय सीबीआइ डिप्टी कमिश्नर के रूप में कराया था। उस समय सीओ मंडी व एसएसआइ मदन सिंह बिष्ट कोतवाली में मौजूद थे। भेद खुलने पर हरिवृंदावन सिटी में ही व्यापारियों ने आरोपित की मौके पर ही धुनाई की। नई मंडी कोतवाली में भी पुलिस ने उसकी खबर ली। आदेश गोयल के नाम का था फर्जी सर्च वारंट
कथित तौर से रेड डालने पहुंचे फर्जी सीबीआइ अधिकारी त्रिवेन्द्र कुमार उर्फ विपुल के पास हरि वृंदावन सिटी में रहने वाले स्क्रेप कारोबारी आदेश गोयल पुत्र दिनेश कुमार गोयल के नाम का सीबीआइ की और से फर्जी सर्च वारंट था। त्रिवेन्द्र कुमार ने नई मंडी कोतवाली पुलिस को सर्च वारंट के बारे में तो बताया था, लेकिन वारंट किसके नाम का है इसे गोपनीय ही रखा था।
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