Move to Jagran APP

राजमार्ग किनारे लगे हैं गंदगी के ढ़ेर, नागरिकों में रोष

मुजफ्फरनगर जेएनएन। नगर पंचायत द्वारा लाखों रूपये खर्च कराने के बाद बनाया गया डंपिग ग्राउंड भी न

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 11:49 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 11:49 PM (IST)
राजमार्ग किनारे लगे हैं गंदगी के ढ़ेर, नागरिकों में रोष

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। नगर पंचायत द्वारा लाखों रूपये खर्च कराने के बाद बनाया गया डंपिग ग्राउंड भी नागरिकों को गंदे कूडे़ की दुर्गंध से निजात नही दिला सका। नगर पंचायत के कर्मचारियों द्वारा गंदे कूडे़ को राजमार्ग किनारे डाला जा रहा है। राजमार्ग से गुजरने वाले राहगीरों तथा आसपास में रहने वाले नागरिकों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

loksabha election banner

यूं तो नगर पंचायत मीरापुर हर बार स्वच्छता सर्वेक्षण की दौड़ में भाग लेती है। लेकिन यहां के कुछ लापरवाह लोगों के चलते नगर पंचायत इस सर्वेक्षण में हर बार पीछे ही रह जाती है। नगर पंचायत द्वारा कस्बे के कूडे़ का निस्तारण कराने के लिए गांव सिकरेडा के निकट लाखों रूपये की भूमि खरीदी गई थी। जिसके बाद कर्मचारियों द्वारा नगर के कूडे को वहां पर डाला जा रहा था। लेकिन कुछ लापरवाह कर्मचारी गंदे कूड़े को मेरठ-पौड़ी राजमार्ग किनारे डाल रहे हैं। जिससे थाना चौराहे के निकट राजमार्ग किनारे गंदगी के ढ़ेर लगे हुए हैं। यहां पर कूड़े से दुर्गंध उठती रहती है। जिससे आसपास की बस्ती के लोगों का जीवन नर्कीय बन गया है। साथ ही राजमार्ग से गुजरने वाले राहगीरों को भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। नागरिक इस कूड़े को यहां से हटवाने के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से शिकायत भी कर चुके हैं। लेकिन नागरिकों की समस्या का समाधान नही हो सका। --- स्वच्छ भारत अभियान का लगा रहे पलीता स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा। लेकिन नगर पंचायत के कुछ लापरवाह कर्मचारियों के कारण इस अभियान को पलीता भी लगाया जा रहा है। बता दें कि पिछले काफी समय से थाना चौराहे के निकट मेरठ-पौड़ी राजमार्ग किनारे कूड़ा डाला जा रहा है। जिसका नागरिक विरोध कर रहे हैं। लेकिन नगर पंचायत द्वारा कूडे़ के निस्तारण के लिए कोई ठोस कार्य नही किया जा रहा है। --- कूड़ा उठाने में हो रहा दोगुणा खर्च नगर पंचायत के कर्मचारियों द्वारा रेहड़े व ट्रालियों से कूड़ा उठाने के बाद थाने के निकट डाला जाता है। इसके बाद जब यहां पर कूड़े का ढे़र लग जाता है तो यहां पर जेसीबी से ट्रालियों में कूड़ा भरा जाता है और उसके बाद यहां से करीब 4 किमी दूर पर जाकर यह कूडा डंपिग ग्रांउड में डाला जाता है। जिससे यह कूड़ा उठाने में दोगुणा खर्च हो रहा है। --- गलियों से कूड़ा उठाने को खरीदी थी ई रिक्शा नगर पंचायत द्वारा कस्बे की छोटी गलियों से कूड़ा उठाने के लिए दो ई रिक्शा खरीदी गई थी। कुछ समय तक तो कर्मचारियों ने इन ई रिक्शाओं में नगर का कूड़ा उठाया। लेकिन जब यह ई रिक्शा खराब हो गई तो उनको ठीक भी नही कराया गया। लाखों रूपये खर्च करने के बाद भी कूड़े की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। --- सड़क किनारे कूड़ा डालने से यहां पर दुर्गंध उठती रहती है। दुकानों के सामने व घरों में कूड़े के ढ़ेर से पन्नी उड़कर आती रहती हैं। कई बार ईओ मीरापुर से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नही हुई।

- मोहम्मद असलम जैदी। --- नगर पंचायत के कर्मचारी डंपिग ग्रांउड तक जाने का आलस करते हैं और लापरवाही के चलते नगर का कूड़ा राजमार्ग किनारे डालकर चले जाते हैं। राजमार्ग से गुजरने वाले राहगीर भी मीरापुर नगर पंचायत की आलोचना करते हैं। नगर पंचायत कर्मचारियों की लापरवाही से नागरिकों का जीना दुभर है।

- मोहम्मद अली। --- नगर पंचायत के कर्मचारी की लापरवाही से स्वच्छ भारत अभियान मजाक बनकर रह गया है। ईओ मीरापुर और चेयरमैन को कूड़ा डलवाने के लिए कोई और जगह ही नही मिली। बस्ती के लोगों का जीवन नर्क बना दिया है।

- संजय कुमार।

---

बड़ी ट्रालियों से कूड़ा डंपिग ग्राउंड में ही डाला जाता है। रेहडी वाले कर्मचारी यहां पर कूड़ा डालते हैं। नागरिकों की समस्या का निस्तारण कराया जाएगा। कूडे़ को सीधा डंपिग ग्राउंड में भेजने की व्यवस्था कराएगें।

कमलाकांत राजवंशी, इओ मीरापुर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.