उत्कल हादसे के बाद भी ड्यूटी में नहीं हुए गंभीर
मुजफ्फरनगर खतौली में रेलवे के कर्मचारियों की लापरवाही से उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। इस हादसे में करीब 26 लोगों की अपनी जान गवानी पड़ी थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इस हादसे के बाद भी कुछ कर्मचारी अपनी ड्यूटी को लेकर गंभीर नहीं हुए।
अरशद आशू, मुजफ्फरनगर: खतौली में रेलवे के कर्मचारियों की लापरवाही से उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। हादसे में करीब 26 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। हादसे के बाद भी कुछ कर्मचारी अपनी ड्यूटी को लेकर गंभीर नहीं हुए। इसका नमूना मेट के साथ मारपीट प्रकरण में सामने आया। मामले की जांच में पुष्टि हुई कि जिन कर्मचारियों ने मेट के साथ मारपीट की वह नशे की हालत में थे।
गत 19 अगस्त को खतौली में जेई और अन्य कर्मचारियों ने दिल्ली कंट्रोल और अधिकारियों को बताए बिना और ब्लाक लिए बिना रेलवे लाइन को काटकर उसके भाग को अलग रख दिया था। इस दौरान पुरी से हरिद्वार जाने वाली उत्कल कलिगा एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। इस घटना में 26 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इस मामले की जांच में रेलवे कर्मचारियों की टीम लापरवाही उजागर हुई थी। इस हादसे के बाद से इस सेक्शन में रेलवे के अधिकारी व कर्मचारी रेलवे ट्रैक और ट्रैक पर कार्य करने को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं, लेकिन कुछ कर्मचारी अपनी ड्यूटी को लेकर लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे। 28 फरवरी को मेट के साथ मारपीट के प्रकरण की जांच में ड्यूटी के दौरान तीन कर्मचारी गेटमैन अनुराग शर्मा, ट्रैकमैन सुनील कुमार व अमित कुमार द्वारा शराब पीने की पुष्टि हुई। इस प्रकरण में रेलवे के अधिकारियों ने कड़ा एक्शन लिया और तीनों को बर्खास्त कर दिया।
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इस नियम में की गई बर्खास्तगी
एडीई श्याम चंद का कहना है कि रेलवे अनुशासन एवं अपील 1968 की धारा 3 (1,2,3) में कर्मचारियों के लिए अनुशासन के बारे में उल्लेख है। कोई भी कर्मचारी ड्यूटी पर गलत आचरण नहीं कर सकता। नशे की हालत में ड्यूटी नहीं कर सकता है। यदि कोई इस एक्ट का उल्लंघन करने पर सेवा से पृथक करने का प्रावधान है। इसी नियम के तहत अनुराग शर्मा, सुनील कुमार व अमित कुमार के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई।