आज भी हरे हैं बेटे को खो देने के जख्म
-हत्यारों को उम्रकैद की सजा से संतुष्ट दिखे डा. सुरेन्द्र सिंह ग्रेवाल जागरण संवाददाता मुजफ्फरनगर डाक्टरी की पढ़ाई कर रहे बेटे की हत्या के 15 वर्ष बीत जाने के बावजूद चिकित्सक दंपती के दिल का जख्म आज भी हरा है। बेटे के तीन हत्यारों को उम्रकैद की सजा पर संतुष्टी का हुंकारा भरते हुए भी मां-बाप आंखो से आंसू नहीं रोक सके और जार-ओ-कतार रोने लगे।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। डाक्टरी की पढ़ाई कर रहे बेटे की हत्या के 15 वर्ष बीतने के बावजूद चिकित्सक दंपती के दिल के जख्म हरे हैं। बेटे के तीन हत्यारों को उम्रकैद की सजा पर वह संतुष्टि तो हैं लेकिन बेटे की याद करके उनकी आंखें बरसने लगती हैं।
गांव अथाई निवासी व भोपा रोड पर किसान नर्सिंग होम चलाने वाले डा. सुरेंद्र सिंह ग्रेवाल व उनकी चिकित्सक पत्नी डा. सुरेंद्रजीत ग्रेवाल के इकलौते बेटे सिद्धार्थ ने पीएमटी की परीक्षा उत्तीर्ण कर मेडिकल कालेज मेरठ में एमीबीबीएस की पढ़ाई शुरू की थी। 2004 में एमीबीबीएस द्वितीय वर्ष की पढ़ाई के दौरान सिद्धार्थ की हत्या कर दी गई थी। गत 13 दिसंबर को मेरठ की एक अदालत ने सिद्धार्थ की हत्या में हॉस्टल में साथ रहने वाले उसके तीन वरिष्ठ साथियों (ये अब चिकित्सक हैं) को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
शनिवार को सिद्धार्थ के पिता डा. सुरेंद्र ग्रेवाल व माता डा. सुरेंद्रजीत ग्रेवाल के पास कोर्ट आर्डर की सर्टिफाइड कापी पहुंची तो दोनों दहाड़ मारकर रो पड़े। बेटे की हत्या के बाद टूट चुके ग्रेवाल दंपती ने हिम्मत नहीं हारी और हत्यारों को सजा दिलाने के लिएए हवा के रुख के खिलाफ लड़ाई लड़ी। डा. सुरेंद्र बताते हैं कि उनके सपने बिखर गए थे लेकिन इस दर्द ने ही उन्हें ऊर्जा दी। यह बताते हुए पति-पत्नी रो पड़े। तीनों हत्यारों को उम्रकैद की सजा मिलने से संतुष्ट डा. सुरेंद्र ग्रेवाल आंसू पोंछते कहते हैं कि अभी मुख्य अभियुक्त का सलाखों के पीछे पहुंचाना बाकी है। मां डा. सुरेंद्रजीत कहती हैं कि उनके बेटे ने किसी का क्या बिगाड़ा था। वह शुरू से टॉपर था और वायदा किया था कि पिता से बड़ा डाक्टर बनेगा लेकिन सारे सपने टूट गए। इसी बातचीत के दौरान ही बेटी डा. कुम्मी ग्रेवाल का फोन आ जाता है। बेटी से बात करते हुए डा. सुरेंद्रजीत फिर रोने लगती हैं। डा. सुरेंद्र ग्रेवाल कहते हैं जवान बेटे की असमय मृत्यु का दर्द ऊपर वाला किसी को न दे। इसके बाद दोनों शून्य में ताकने लगते हैं।
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डा. ऊषा शर्मा को अदालत में खींचेगे
डा. सुरेंद्र सिंह ग्रेवाल ने बताया कि कोर्ट ने मेरठ मेडिकल कालेज की प्राचार्या रहीं डा. ऊषा शर्मा को 16 जनवरी को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। कहा कि अदालत के जरिए अब उनकी अगली लड़ाई डा. ऊषा के विरुद्ध होगी।
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पुलिस ने बना दी थी झूठी कहानी
डा. सुरेंद्रजीत ग्रेवाल कहती हैं, हत्यारों ने मामले को आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया था। सिद्धार्थ की हत्या कर कमरा धो दिया। साक्ष्य मिटाने के लिए उसके कपड़े भी बदल दिए थे। इस साजिश में पुलिस ने भी हत्यारों का साथ दिया था। विसरा रिपोर्ट बदलवाने के बावजूद मानवाधिकार आयोग व फोरेंसिक साइंस की रिपोर्ट में प्रथमदृष्ट्या सिद्धार्थ की हत्या को स्वीकारा गया।