आसाराम को बनाएं आपराधिक षड्यंत्र का मुल्जिम
अखिल हत्याकांड पर नगर विधायक संग एसएसपी से मिले नरेश गुप्ता। एटीएस को दिया कार्तिक का बयान विवेचना में शामिल कराने की मांग।
मुजफ्फरनगर : मृतक अखिल गुप्ता के पिता बुधवार को सदर विधायक कपिलदेव अग्रवाल के साथ एसएसपी से मिले। उन्होंने अखिल हत्याकांड में आसाराम को आपराधिक षड्यंत्र का मुल्जिम बनाने की मांग की। गौरतलब है कि आसाराम पर दुष्कर्म का आरोप लगने के बाद उसका मुख्य रसोइया रहा अखिल गुप्ता सरकारी गवाह बन गया था, जिसके बाद जनवरी, 2015 में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में प. बंगाल निवासी कार्तिक हलधर को एटीएस ने मार्च, 2016 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद अखिल हत्याकांड की गुत्थी सुलझी थी। अखिल के पिता नरेश गुप्ता ने मामले की विवेचना कर रही क्राइम ब्रांच पर आरोप लगाया था कि उसने इस मामले में आसाराम को आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोपित नहीं बनाया। तर्क दिया था कि अखिल गुप्ता के हत्यारोपित शूटर कार्तिक हलधर ने पकड़े जाने के बाद 14 व 15 मार्च, 2016 को एटीएस के समक्ष स्वीकारोक्ति की थी कि उसने अखिल की हत्या प्रवीण वकील के यह बताने पर की थी कि बापू ने यही निर्देश दिया था। बुधवार को नगर विधायक कपिलदेव अग्रवाल ने एसएसपी सुधीर कुमार ¨सह से उनके कार्यालय पहुंचकर मुलाकात की। मृतक अखिल गुप्ता के पिता नरेश गुप्ता व अखिल की पत्नी वर्षा गुप्ता को भी वहीं बुला लिया गया। मुलाकात के बाद नरेश गुप्ता ने बताया कि उन्होंने एसएसपी से मांग की कि प्रकरण की विवेचना कर रही क्राइम ब्रांच कार्तिक हलधर की उस स्वीकारोक्ति को विवेचना में शामिल कर आसाराम को अखिल हत्याकांड की आपराधिक साजिश रचने का आरोपित बनाए।
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इन्होंने कहा..
विवेचना में जो तथ्य सामने आएंगे, उन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
- सुधीर कुमार ¨सह, एसएसपी आर्थिक मदद की मांग पर शासन ने मांगी रिपोर्ट
मुजफ्फरनगर : आसाराम मामले में मुख्य गवाह रहे अखिल गुप्ता की हत्या के बाद परिवार के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया था। अखिल गुप्ता की पत्नी वर्षा गुप्ता और पिता नरेश गुप्ता की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रार्थना-पत्र लिखकर अखिल गुप्ता के परिवार की आर्थिक सहायता करने तथा उन्हें रोजी-रोटी के संकट से उबारने के लिए लिखा गया था। प्रार्थना पत्र के साथ नगर विधायक व भाजपा नेता कपिलदेव अग्रवाल ने भी अपनी संस्तुति सहित कव¨रग लेटर लगाया था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन ने डीएम मुजफ्फरनगर से जांच रिपोर्ट तलब की थी। डीएम के निर्देश पर सदर तहसील ने मामले की तथ्यपरक जांच कर रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी है।