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राष्ट्रद्रोह के मुकदमे में फंसाने के आरोप पर कोर्ट सख्त

महाराणा प्रताप के विरुद्ध कथित टिप्पणी पर जमानत पाने वाले आरोपित के विरुद्ध एक सप्ताह में ही राष्ट्रदोह के संगीन आरोप में दूसरा मुकदमा दर्ज करने पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए एसएसपी को पत्र लिखा है। स्वतंत्र तथा निष्पक्ष विवेचना करने का आदेश देते हुए इस मामले में दो या तीन के स्थान पर 23 अज्ञात आरोपित दर्शाए जाने पर भी नाराजगी जताई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 11:38 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 11:38 PM (IST)
राष्ट्रद्रोह के मुकदमे में फंसाने के आरोप पर कोर्ट सख्त
राष्ट्रद्रोह के मुकदमे में फंसाने के आरोप पर कोर्ट सख्त

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। महाराणा प्रताप के विरुद्ध कथित टिप्पणी पर जमानत पाने वाले आरोपित के विरुद्ध एक सप्ताह में ही राष्ट्रदोह के संगीन आरोप में दूसरा मुकदमा दर्ज करने पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए एसएसपी को पत्र लिखा है। स्वतंत्र तथा निष्पक्ष विवेचना करने का आदेश देते हुए इस मामले में दो या तीन के स्थान पर 23 अज्ञात आरोपित दर्शाए जाने पर भी नाराजगी जताई।

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थाना तितावी क्षेत्र के गांव जसोई निवासी ओसामा पुत्र अखलाक पर पुलिस ने फेसबुक पर महाराणा प्रताप के विरुद्ध टिप्पणी किए जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। ओसामा को जमानत मिल गई थी। जमानत के एक सप्ताह के भीतर ही थाना तितावी में ओसामा व उसके भाई हमजा तथा उसकी जमानत लेने वाले कमरुद्दीन के विरुद्ध राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया गया। आरोप था कि ओसामा ने पाकिस्तान जिदाबाद के नारे लगाए। पुलिस ने ओसामा को गिरफ्तार किया था। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या दो मुकीम अहमद के समक्ष बचाव पक्ष के अधिवक्ता की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र में पुलिस पर ओसामा को नाहक फंसाए जाने का आरोप लगाया गया था। कोर्ट ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद ओसामा को दो दिन की पुलिस रिमांड पर दिए जाने का आदेश जारी किया था। बचाव पक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों को भी गंभीरता से लेते हुए महाराणा प्रताप पर टिप्पणी किए जाने के बाद आइटी एक्ट में बाहर से ही जमानत पाए ओसामा पर एक सप्ताह के भीतर राष्ट्रद्रोह सहित दूसरे संगीन आरोप में मुकदमा दर्ज कराने को भी गंभीरता से लिया था। कोर्ट ने केस डायरी पर सवाल खड़ा करते हुए टिप्पणी की थी कि ओसामा पर दर्ज राष्ट्रद्रोह के मुकदमे में वादी ने दो तीन अज्ञात आरोपितों का जिक्र किया था, जबकि केस डायरी में विवेचक ने उन्हें 23 कर दिया। ऐसा जानबूझकर तथा किसी दबाव में किया जाना प्रतीत होता है। एसीजेएम-2 मुकीम अहमद ने एसएसपी को पत्र लिखकर पहले मुकदमे को केन्द्र में रख निष्पक्ष तथा स्वतंत्र विवेचना कराए जाने को कहा।


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