आधार कार्ड बनवाएं तो बिस्तर साथ लेकर आएं
डाकघर में आधार कार्ड बनवाना लोगों के जी का जंजाल बना हुआ है। आलम यह है कि सप्ताह में मात्र एक शनिवार को ही आधार कार्ड बनवाने के फार्म वितरित करते हैं। इसके लिए लोग पहले दिन शाम को ही डाकघरों में डेरा डाल लेते हैं। डाकघर के बाहर सड़क पर बिस्तर डालकर लेट लगाते हैं और खाना भी वहीं खाते हैं। सुबह उठकर फिर लाइनों में लग जाते हैं।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। आधार कार्ड बनवाने में कितनी मुसीबतें हैं, यह कोई शाहपुर के लोगों से पूछे। आलम यह है कि सप्ताह में मात्र एक दिन शनिवार को डाकघर पर आधार कार्ड बनवाने के फार्म वितरित किया जाते हैं। इसके लिए लोग पहले दिन शाम को ही डाकघरों पर डेरा डाल लेते हैं। डाकघर के बाहर सड़क पर बिस्तर डालकर सोते हैं और खाना भी वहीं खाते हैं। सुबह उठकर फिर लाइनों में लग जाते हैं।
कस्बे में एकमात्र डाकघर पर आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। आधार कार्ड बनाने के लिए डाकघर में शनिवार को फार्म वितरित होते हैं। इसके लिए शुक्रवार शाम को ही लोग डाकघर पर डेरा डाल लेते हैं। जिन लोगों को फार्म मिल जाते हैं, उन्हीं लोगों के आधार कार्ड दिन में बनाए जाते हैं। डाकघर में आधार कार्ड बनवाना किसी मुसीबत से कम नहीं है। आलम यह है कि सुबह नौ बजे आधार कार्ड के फार्म लेने के लिए लोग शाम को ही बिस्तर व खाने के साथ डाकघर पहुंच जाते हैं। डाकघर परिसर में नीचे लेटकर पूरी रात काटते हैं। नौ बजे फार्म प्राप्त करने के लिए सुबह उठकर लाइन में खड़े हो जाते हैं। जब उन्हें फार्म मिल जाता है तो फिर पूरे दिन आधार कार्ड बनवाने के लिए इंतजार करना पड़ता है। ब्लॉक शाहपुर में केवल डाकघर पर ही आधार कार्ड बनाए जा रहे है। डाककर्मी अपनी मनमानी दिखाते हुए सप्ताह में मात्र शनिवार को ही आधार कार्ड बनवाने के फार्म वितरित करते हैं। डाकघर के प्रवर अधीक्षक वीर सिंह का कहना है कि उनके यहां आधार कार्ड बनने का समय सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक का है। इस समावधि में जो पहुंचता है, उसका आधार कार्ड बनाया जाता है।