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बदरा बरसे..ठंड बढ़ी, बाजार से रौनक घटी

बारिश होने से ठंड बढ़ गई है। बारिश के साथ ठंडी हवाएं चलने से लोग कंपकपा गए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 11:46 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 11:46 PM (IST)
बदरा बरसे..ठंड बढ़ी, बाजार से रौनक घटी
बदरा बरसे..ठंड बढ़ी, बाजार से रौनक घटी

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। बारिश होने से ठंड बढ़ गई है। बारिश के साथ ठंडी हवाएं चलने से लोग कंपकपा गए। जिले में गुरुवार रात से शुक्रवार शाम तक लगभग 20.8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। बारिश के चलते अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई, जबकि न्यूनतम सामान्य से अधिक दर्ज किया गया। बारिश के चलते बाजारों से रौनक घट गई। दुकानों तक ग्राहक नहीं पहुंचे, इससे दुकानदार मायूस रहे। उधर, यह बारिश गेहूं के लिए लाभदायक है, लेकिन हवा प्रभावित करेगी।

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सर्दी बीतने को है, लेकिन फरवरी के अंत में अचानक मौसम ने करवट बदल ली। गुरुवार की मध्यरात्रि आसमान में छाए बादलों ने बरसना शुरू कर दिया। लगातार बारिश होने के कारण सुबह ज्यादा ठंडी रही। शुक्रवार को भी शहर से लेकर देहात तक बारिश होती रही। इससे ठंडी हवाएं चलने से लोग कंपाकपा गए। कई स्थानों पर सड़कों पर पानी भरने से बाजारों में आवागमन थम गया। बारिश के कारण बाजारों में ग्राहकों की संख्या कम हो गई, इसके चलते व्यापारी परेशान रहे। मौसम विभाग के अनुसार जनपद में 20.8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। फरवरी में इस तरह की बारिश पिछले तीन साल में पहली बार देखी गई है। बारिश होने से दिन का तापमान गिरकर 15.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जबकि रात्रि में बारिश के बाद भी न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। गन्ना शोध केंद्र संस्थान के मौसम सेल के प्रभारी पान सिंह ने बताया कि फरवरी माह में इससे भी अधिक बारिश रही है। अभी मौसम ऐसा बना रहने का अनुमान है। चूंकि ठंडी हवाएं चल रही है। इससे तापमान में गिरावट दर्ज होगी।

सरसों की फसल को नुकसान, गेहूं के लिए फायदा

फरवरी माह में वैसे तो किसी फसल की बोआई का समय नहीं है। खेतों में सरसों की फसल पकने को तैयार है। जिसकी अप्रैल और मई में कटाई संभावित है। कृषि विज्ञान केंद्र बघरा के प्रभारी डॉ. पीके सिंह ने बताया कि इतनी बारिश नहीं हुई है, जो फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचाए। हालांकि सरसों को भी आंशिक नुकसान है। वहीं, गेहूं के लिए बारिश लाभप्रद है, लेकिन हवा चलना गंभीर है। बारिश की बूंद लगने से गेहूं में दाना फूलता है, लेकिन हवा उसे जमीन में बिछा सकती है। इससे किसानों की पेशानी पर बल पड़ गए हैं। अगेती का गेहूं तैयार हो चुका है, उसका बस पकना बाकी है।

जमीन में नमी बढ़ी

उन्होंने कहा कि बारिश से केवल जमीन में नमी बढ़ी है। यह ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगी। हालांकि पंद्रह दिन बाद गन्ना बोआई, सब्जी की फसल आदि के बोआई का समय होगा। इससे किसानों को फायदा पहुंचेगा।


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