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संस्कारशाला की कहानी से बच्चों को मिली ईमानदारी की प्रेरणा

शहर के केशवपुरी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कालेज में गुरुवार को दैनिक जागरण के संस्कारशाला कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें छात्र-छात्राओं को दैनिक जागरण में सार्वजनिक संपत्ति का सम्मान विषय पर प्रकाशित हुई कहानी पढ़कर सुनाई गई। कहानी सुनने के बाद छात्र-छात्राओं ने ईमानदार बनने की सीख लेते हुए घर में रखी पुरानी उपयोगी वस्तुओं के साथ विरासत में मिली संपत्ति का सम्मान करने का संकल्प लिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 07:44 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 07:44 PM (IST)
संस्कारशाला की कहानी से बच्चों को मिली ईमानदारी की प्रेरणा
संस्कारशाला की कहानी से बच्चों को मिली ईमानदारी की प्रेरणा

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। शहर के केशवपुरी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कालेज में गुरुवार को दैनिक जागरण के संस्कारशाला कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें छात्र-छात्राओं को दैनिक जागरण में 'सार्वजनिक संपत्ति का सम्मान' विषय पर प्रकाशित हुई कहानी पढ़कर सुनाई गई। कहानी सुनने के बाद छात्र-छात्राओं ने ईमानदार बनने की सीख लेते हुए घर में रखी पुरानी उपयोगी वस्तुओं के साथ विरासत में मिली संपत्ति का सम्मान करने का संकल्प लिया।

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दैनिक जागरण में बुधवार के अंक में प्रकाशित हुई संस्कारशाला में बच्चों को अच्छाई की समझ कराने के लिए कहानी प्रकाशित हुई। कहानी का विषय 'सार्वजनिक संपत्ति का सम्मान' रहा। इस कहानी में बताया गया कि देश से हम और हमसे देश बनता है, जो बच्चों को देश के सार्वजनिक संपत्ति के सम्मान की समझ कराता है। विद्यालय के हिदी विभागाध्यक्ष रामगोपाल शर्मा ने बच्चों को कहानी पढ़कर सुनाई और इसका सार भी समझाया। बच्चों को बताया गया कि घर में रखी पुरानी वस्तुओं को तब तक बेकार नहीं समझना चाहिए, तब तक वह हमारे लिए काम आ रही हो। यह देश का सम्मान है। वहीं लाल बहादुर शास्त्री की ईमानदारी की कहानी सुनाई गई, जिसमें बताया गया कि उनके बेटे के सरकारी कार का निजी प्रयोग करने पर उन्होंने सरकारी कोष में रुपया जमा कराकर देशहित में कार्य कर ईमानदारी दिखाई थी। कहानी सुनने के बाद छात्र-छात्राओं ने भी ईमानदार बनने के साथ देशहित में कार्य करने की प्रेरणा ली। शिक्षक रामगोपाल शर्मा ने बच्चों को बताया कि वह इस कहानी से सीख लेकर विद्यालय से ही काम शुरू करें। विद्यालय की संपत्ति को नुकसान होने से बचाएं। वहीं अपनी तरफ से विद्यालय में व्यर्थ में बह रहे पानी को रोकने के लिए टोटियों को बंद करना न भूलें। विद्यार्थियों ने लिया संकल्प

संस्कारशाला की कहानी सुनने के बाद बहुत अच्छा महसूस हुआ। कहानी से सीख मिलती है कि अपने माता-पिता के अच्छे गुणों को हमें अपने अंदर भी शामिल करना चाहिए। ईमानदार बनने से हमें दुनिया अच्छे व्यक्ति के रूप में याद रखेगी।

- वसुधा मिठारिया, कक्षा नौ

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दैनिक जागरण में प्रकाशित कहानी हमें अच्छाई की समझ कराती है। कहानी से ईमानदारी की सीख मिलती है। वहीं यह भी पता चलता है कि ईमानदारी से कार्य करने पर सोच भी सकारात्मक और अच्छी बनती है। हमें लाल बहादुर शास्त्री की तरह ही काम करना चाहिए।

- शालिनी तेजानिया, कक्षा नौ

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सार्वजनिक संपत्ति हमारे लिए ही होती है। इसलिए हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि उनका सम्मान करते हुए उन्हें सुरक्षित रखना भी हमारी ही जिम्मेदारी है। देश हमारे विचारों से ही आगे बढ़ता है। हमें सभी लोगों को इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।

- अभिषेक शर्मा, कक्षा 11

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संस्कारशाला की कहानी काफी प्रेरणादायी है। हमे इस कहानी से सीख मिलती है कि हमे भी लाल बहादुर शास्त्री की तरह ईमानदार बनना चाहिए। देश की संपत्ति की रक्षा करने की जिम्मेदारी भी उठानी चाहिए।

- अक्षय कुमार, कक्षा 12


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