भड़काऊ भाषण मामले में आरोप नहीं हो सके तय
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। दंगे के दौरान भड़काऊ भाषण देने के मामले में पूर्व सांसद समेत अन्य आरोपितों पर आरोप तय नहीं हो सके। दो अधिवक्ताओं का निधन होने के कारण कचहरी में नो वर्क रहा। मामले की अगली सुनवाई अब 30 जून को होगी।
27 अगस्त 2013 को कवाल गांव में तिहरे हत्याकांड के बाद जिले में तनाव पैदा हो गया था। 30 अगस्त को जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शहीद चौक पर सभा का आयोजन कर तत्कालीन डीएम-एसएसपी को ज्ञापन सौंपा था। इस दौरान भड़काऊ भाषण भी दिए गए थे। भड़काऊ भाषण देने और बिना अनुमति सभा करने पर शहर कोतवाली में पूर्व गृह राज्यमंत्री सईदुज्जमा, तत्कालीन बसपा सांसद कादिर राणा, नूरसलीम राणा, जमील अहमद, सलमान सईद, असद जमां, सुल्तान मुशीर, अहसान समेत दस लोगों को नामजद और सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले की सुनवाई पहले एमपी- एमएलए कोर्ट में चली थी। वर्तमान में फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही है। गुरुवार को इस मामले में आरोप तय होने थे। आरोपित अहसान और मुशर्रफ कोर्ट में पेश हुए, जबकि अन्य ने कोर्ट में हाजिरी माफी की अर्जी दी थी। उधर, गुरुवार को दो अधिवक्ताओं के निधन पर जिला बार संघ ने नो वर्क घोषित किया था। जिस कारण सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 30 जून निर्धारित की है।