Move to Jagran APP

भगवान विश्वकर्मा जगत के आराध्य: ओमानंद

सृष्टिकर्ता विश्वकर्मा व वीतराग स्वामी कल्याणदेव की प्रतिमा का अनावरण।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 07:39 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 07:39 PM (IST)
भगवान विश्वकर्मा जगत के आराध्य: ओमानंद

मुजफ्फरनगर : भगवान विश्वकर्मा व शिक्षा ऋषि वीतराग स्वामी कल्याणदेव की प्रतिमा का अनावरण पूजन एवं मंत्रोच्चार के साथ भागवत पीठ शुकदेव आश्रम शुकतीर्थ के पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज ने किया। आशीर्वचन में उन्होंने कहा कि शिल्प कला एवं विज्ञान प्रवर्तक भगवान विश्वकर्मा विश्व के आराध्य है । सृष्टि निर्माण और तकनीकि ज्ञान के लिए देश-दुनिया विश्वकर्मा समाज की ऋणी है।

loksabha election banner

भोपा रोड स्थित एकता स्थल पर विश्वकर्मा एकता समिति की ओर से विश्वकर्मा प्राकट्योत्सव धूमधाम से मनाया गया। विधि-विधान से भगवान विश्वकर्मा व महान संत वीतराग स्वामी कल्याणदेव की प्रतिमा स्थापित की गई। स्वामी ओमानंद महाराज ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा संपूर्ण जगत के पूज्यनीय है। सनातन संस्कृति में उनकी महिमा ऋषियों ने बताई है। उनके शिल्प ज्ञान से सृष्टि आलौकिक है। विश्वकर्मा समाज को तकनीकि ज्ञान का ईश्वरीय वरदान है। हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा, सेवा और परिश्रम से उपलब्धि हासिल की है। वीतराग संत स्वामी कल्याणदेव त्याग, वैराग्य, करुणा, सेवा की प्रतिमूर्ति थे। गांव और गरीब को शिक्षा से जोड़ा ताकि किसान व मजदूरों के बच्चे शिक्षित बनें। जगदगुरु संत योगी मौनी बाबा औघड़नाथ महाराज ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा सर्वव्यापक है। शिवजी का त्रिशूल हो, चाहे गरुड़ विमान आदि अस्त्र-शस्त्र विश्वकर्मा की देन है।

आचार्य गुरुदत्त आर्य ने कहा कि वेदों में विश्वकर्मा को भगवान का पर्यायवाची कहा गया है। आडंबरों व अंधविश्वास से बचे। जीवन को वैदिक संस्कृति और आचरण से निखारे। भावी पीढ़ी को उच्च शिक्षित बनाये। बेटियां स्वावलंबी, संस्कारित बने, ताकि परिवारों की उन्नति हो सके। पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य जगदीश पांचाल, प्रधानाचार्य डॉ. रवि दत्त धीमान, बिजनौर के शिक्षाविद राजेश कुमार, हरिद्वार के पुष्पराज धीमान, नरेश कुमार विश्वकर्मा व विहिप के राधेश्याम विश्वकर्मा ने विचार रखे। भूलेराम विश्वकर्मा, प्रमोद आर्य, देवेंद्र आर्य व ईशा धीमान ने प्रेरक भजन सुनाये। विश्वकर्मा एकता समिति के अध्यक्ष नाथीराम धीमान, महामंत्री बिजेंद्र कुमार धीमान व सुरेंद्र पाल धीमान को आचार्य गुरुदत्त आर्य ने सत्यार्थ प्रकाश ग्रंथ भेंट किया। इस दौरान दीपक, हिमांशु धीमान, प्रेमचंद धीमान व शिव कुमार धीमान आदि मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.