मंसूरपुर में अमृतसर एक्सप्रेस रोककर स्टेशन पर कब्जा
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रेल रोको आंदोलन के तहत भाकियू कार्यकर्ताओं ने मंसूरपुर में इंटरसिटी एक्सप्रेस (अमृतसर-नई दिल्ली-जालंधर) रोककर धरना-प्रदर्शन किया। आक्रोशित कार्यकर्ता रेल ट्रैक पर ट्रेन के आगे बैठ गए। केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। लगभग छह घंटे तक ट्रेन स्टेशन पर खड़ी रही। उधर खतौली रेलवे स्टेशन परिसर में धरना दिया गया। सायंकाल तक रेलवे स्टेशन भाकियू के कब्जे में रहा।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रेल रोको आंदोलन के तहत भाकियू कार्यकर्ताओं ने मंसूरपुर में इंटरसिटी एक्सप्रेस (अमृतसर-नई दिल्ली-जालंधर) रोककर धरना-प्रदर्शन किया। आक्रोशित कार्यकर्ता रेल ट्रैक पर ट्रेन के आगे बैठ गए। केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। लगभग छह घंटे तक ट्रेन स्टेशन पर खड़ी रही। उधर, खतौली रेलवे स्टेशन परिसर में धरना दिया गया। सायंकाल तक रेलवे स्टेशन भाकियू के कब्जे में रहा।
सोमवार को भाकियू कार्यकर्ता मंसूरपुर व खतौली रेलवे स्टेशन पर एकत्र हो गए। बारिश के बीच रेलवे ट्रैक छोड़कर परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। मंसूरपुर में सुबह 10:39 बजे अमृतसर से दिल्ली जा रही इंटरसिटी एक्सप्रेस (अमृतसर-नई दिल्ली-जालंधर) ट्रेन रोकने के लिए कार्यकर्ता रेल ट्रैक पर उतर गए। पुलिस ने उन्हें उठाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बन सकी। इसके बाद इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया गया। इस ट्रेन का मंसूरपुर में स्टापेज नहीं है। भाकियू नेता नीरज पहलवान, चांदवीर फौजी ने कहा कि देश-प्रदेश की सरकारे किसानों की आवाज दबा रही हैं। लखीमपुर खीरी प्रकरण में पूर्ण रूप से न्याय नहीं किया गया है। मामले में निष्पक्षता नहीं बरती जा रही है। कार्यकर्ताओं को एडीएम प्रशासन अमित सिंह, सीओ सिटी कुलदीप सिंह ने समझाया, लेकिन वह धरने पर अडिग रहे। इस दौरान ट्रेन में सवार यात्री परेशान हो गए। यात्री लगातार अधिकारियों से संपर्क करते रहे, लेकिन सायं 3:52 बजे कार्यकर्ताओं ने ट्रेन को आगे के लिए रवाना होने दिया। शाहपुर ब्लाक अध्यक्ष अक्षू त्यागी, नवीन राठी, पंकज राठी, विकास बालियान, शक्ति सिंह, पीयूष पंवार, संजीव चौधरी, विनीत त्यागी, टीटू प्रधान व संजीव राठी आदि मौजूद रहे। उधर, खतौली रेलवे स्टेशन पर पूर्व जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान, पूर्व ब्लाक अध्यक्ष कपिल सोम, विदेश मोतला, विशाल अहलावत आदि के नेतृत्व में धरना दिया गया। कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों का शोषण कर रही हैं। कृषि कानूनों का विरोध करने पर उनकी हत्या हो रही है। लखीमपुर खीरी प्रकरण में गृह राज्यमंत्री को बर्खास्त नहीं किया गया है। कृषि कानून में एमएसपी की गारंटी नहीं दी जा रही है। मंसूरपुर में डीएम और खतौली में प्रधानमंत्री के नाम अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर धरना समाप्त किया गया।