खतरे में काली का अस्तित्व..प्रशासन अलर्ट मोड पर
नदी के किनारे बसे गांवों क दौरा किया। काली नदी पर अतिक्रमण और गंदगी देख अफसरों को मुहीम चालने के निर्देश दिए। साथ ही ग्रामीणों से अपील की कि नदी को साफ और स्वच्छ रहे। औद्योगिक क्षेत्र में कई स्थानों पर फैक्ट्रियों का दूषित जल नदी में प्रवाहित होता पाया गया जिस पर डीएम ने नमूने भरवाए।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने बुधवार को अधिकारियों को साथ लेकर काली नदी के किनारे बसे गांवों का दौरा किया। काली नदी पर अतिक्रमण और गंदगी देख अफसरों को मुहिम चलाने के निर्देश दिए। साथ ही ग्रामीणों से अपील की कि नदी को साफ और स्वच्छ रखें। औद्योगिक क्षेत्र में कई स्थानों पर फैक्ट्रियों का दूषित जल नदी में प्रवाहित होता पाया गया, जिस पर डीएम ने नमूने भरवाए।
डीएम ने काली नदी के किनारे वाले गांव सिंभालकी, खामपुर, कोल्हाहेड़ी, बढ़ीवाला, रेई, सादपुर, मलीरा नहर पुल, न्याजूपुरा समेत बेगराजपुर औद्योगिक क्षेत्र में बह रहे गंदे नाले का निरीक्षण किया। बेगराजपुर में नाले के पानी का सेंपल भरवाकर जांच कराने के निर्देश दिए। कहा कि नदियों के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से सफाई अभियान चलाया जाए। नदी में कूड़ा-करकट व मलबा नहीं डलना चाहिए। जीवन के लिए जल अति आवश्यक है। नदियों को साफ और स्वच्छ रखें, गंदा पानी न प्रवाहित करें। साथ ही नदियों के किनारे गन्दगी न करें। उन्होंने कहा कि काली नदी में अतिक्रमण एवं प्रदूषण के विभिन्न कारकों की पहचान कर उनकी रोकथाम के उपाय के लिए अभियान चलाया जाएगा। डीएम ने कहा कि नदियां धरती का प्राण मानी जाती हैं, जो पृथ्वी व समस्त जीव को जिदा रखती हैं। काली समेत नदियों के जीवन पर संकट मंडरा रहा है। शहरी नालों की गंदगी व औद्योगिक कचरे को बिना शुद्ध किए नदी में न डालने पर पाबंदी लगाई जाएगी। लोगों को नदी साफ करने की मुहिम में सहयोग करना चाहिए। नदियों को न तो स्वयं गंदा करें और न ही दूसरों को करने दें। नदियों के किनारे अतिक्रमण न करें और अधिक से अधिक पौधे लगाए। निरीक्षण के दौरान डीएम समेत अधिकारी खेतों से होकर भी गुजरे। इस दौरान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कुलदीप मीणा, एसडीएम सदर विजय कुमार, सिचांई विभाग, जल निगम व प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित मौजूद रहे।