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कृषि विधेयक के विरोध में भाकियू किसान सेना ने किया हाईवे जाम

भाकियू किसान सेना ने हरियाणा से दिल्ली जा रहे किसानों को रोककर बर्बरता करने का आरोप लगाते हुए छपार में दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग-58 जाम कर दिया। इस दौरान केंद्र सरकार व कृषि विधेयक के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 28 Nov 2020 06:43 PM (IST)
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कृषि विधेयक के विरोध में भाकियू किसान सेना ने किया हाईवे जाम

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। भाकियू किसान सेना ने हरियाणा से दिल्ली जा रहे किसानों को रोककर बर्बरता करने का आरोप लगाते हुए छपार में दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग-58 जाम कर दिया। इस दौरान केंद्र सरकार व कृषि विधेयक के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई।

नेशनल हाईवे-58 पर स्थित छपार कस्बे में शनिवार को भाकियू किसान सेना के कार्यकर्ता दोपहर एक बजे हाईवे किनारे धरना देकर बैठ गए। हाईवे जाम कर दिया। कार्यकर्ताओं ने सरकार को किसान विरोधी बताते हुए जमकर नारेबाजी की और कृषि विधेयक को वापस लेने की मांग की। जिलाध्यक्ष पंकज ग्रेड ने कहा कि हरियाणा से दिल्ली जा रहे निहत्थे किसानों को रोककर सरकार ने उन पर पानी की बौछार कर बर्बरता की है, जिसका भाकियू किसान सेना विरोध करती है। आज भारत का किसान सड़क पर उतर चुका है। उन्होंने कृषि विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए केंद्र सरकार से वापस लेने की मांग की। सरकार से बकाया गन्ना भुगतान, मुफ्त बिजली-पानी, कर्ज माफी की मांग की। वह अलग-अलग वाहनों से दिल्ली पहुंचेंगे। घंटों चले हंगामे के बाद सीओ सिटी राजेश द्विवेदी को प्रधानमंत्री के नाम सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन देकर जाम खोला गया। इस दौरान छपार में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही। युवा मंडल अध्यक्ष सोनू उर्फ परवेज, इसरार त्यागी, अकलीम, वसीम अहमद, सरताज, शमीम, इरफान फिरोज व राशिद आदि मौजूद रहे।

पीएसी व फायर ब्रिगेड रही मौजूद

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। छपार कस्बे में भाकियू किसान सेना के हाईवे जाम को लेकर पुलिस अलर्ट रही। शनिवार सुबह से ही प्रभारी निरीक्षक यशपाल सिंह बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ मौजूद रहे। दोपहर 12 बजे भाकियू किसान सेना के कार्यकर्ता छपार पहुंचे और हाईवे किनारे धरना देकर बैठ गए। कुछ समय बाद हाईवे जाम कर दिया। हंगामे के दौरान सीओ सिटी राजेश द्विवेदी थाना सिविल लाइन, शहर कोतवाली, पुरकाजी, चरथावल व पीएसी के साथ छपार पहुंचे और भाकियू किसान सेना के कार्यकर्ताओं को समझाकर शांत किया। एहतियात के तौर पर फायर ब्रिगेड को भी बुलाया।