नशे के खिलाफ जागरूकता ही संत को सच्ची श्रद्धांजलि
सिद्ध कुटी के संत के महापरिनिर्वाण के बाद आयोजित सभा में कई राज्यों के संतों ने पहुंचकर श्रद्धांजलि दी।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। सिद्ध कुटी के संत स्वामी गिरिवरानंद की श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे संतों ने नशे के खिलाफ अभियान जारी रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, स्वामी गिरवरानंद ने जीवनभर नशे को लेकर जन-जागरूकता फैलाई। नशे से दूर रहने का संकल्प और इस बुराई के खिलाफ खड़ा होना ही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
बाबा फकीरा दास सिद्ध कुटी आश्रम, धमात के संत स्वामी गिरिवरानंद (95) 25 सितंबर को ब्रह्मलीन हो गए थे। तीस साल तक नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले संत की स्मृति में ग्रामीणों ने मंदिर परिसर में ही समाधि बनवाई है। शुक्रवार को मंदिर परिसर में आयोजित स्वामी जी की श्रद्धांजलि सभा में बिहार, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात आदि राज्यों के संत पहुंचे। स्वामी रघुवीरानंद जी की अध्यक्षता में यज्ञ व प्रवचन हुए।
स्वामी कमलानंद, स्वामी दयानंद, स्वामी प्रेमानंद, स्वामी अमरेंद्रानंद, स्वामी गीतानंद, स्वामी कपिलानंद तथा योग गुरु स्वामी कर्मवीर जी मौजूद रहे। हवन के बाद विशाल भंडारा हुआ। प्रधान पति राजकुमार गुर्जर, धीर सिंह शास्त्री, सचिन शर्मा, नारायण सिंह, राजा गुर्जर, कुंवरपाल मुखिया, मांगेराम, सन्नी गुर्जर, प्रेम सिंह, बलजीत सिंह, देवेंद्र गुर्जर, सतीश, सुमित गुर्जर समेत धमात, भूराहेड़ी, कैल्लनपुर, शकरपुर, नूरनगर आदि गांवों के तमाम श्रद्धालु मौजूद रहे। बिहार से आए परिजन
दिवंगत संत बिहार के जनपद सासाराम के गांव मलवार के निवासी थे। उनके परिवार से बेटी प्रभा देवी, बेटा बबलू प्रसाद, दामाद सुभाष चंद्र, पुत्रवधू संगीता देवी, पौत्री सावित्री व खुशी, पौत्र पीयूष कुमार, भांजा सीतेष प्रसाद, नाती शिवा भी श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे। परिजनों ने बताया कि करीब 30 साल पहले उन्होंने घर छोड़ दिया था। घर में भी वह नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ते थे।