जिला कारागार में चल रहे एंड्रॉयड मोबाइल
मुजफ्फरनगर : जेल अधिकारियों के तमाम दावों की धज्जियां उड़ाते हुए जेल में बंद बंदी ने सेल्फी
मुजफ्फरनगर : जेल अधिकारियों के तमाम दावों की धज्जियां उड़ाते हुए जेल में बंद बंदी ने सेल्फी लेकर फेसबुक पर पोस्ट कर दी। कई दिन पहले पोस्ट की गयी सेल्फी सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो लखनऊ तक हड़कंप मच गया। फटकार के बाद जागे जेल प्रशासन ने तलाशी अभियान चलाया। प्रकरण की जांच जेल अधीक्षक को सौंपी गयी है।
तितावी थाना क्षेत्र के काजीखेड़ा गांव निवासी विजय चौधरी को डेढ़ महीना पहले सिविल लाइन थाना पुलिस ने हत्या के प्रयास के आरोप में जेल भेजा था। फिलहाल वह जेल में बंद है। बीती सात मार्च को विजय चौधरी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर अपने दो साथियों के साथ सेल्फी पोस्ट की थी। उक्त सेल्फी जिला कारागार की बैरक में ली गयी थी। 4जी मोबाइल से ली गयी सेल्फी शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी, जिससे अफरातफरी मच गयी। मामला लखनऊ तक पहुंचा तो आलाधिकारियों ने जेल अधीक्षक एके सक्सेना व सीओ नई मंडी को प्रकरण की जांच करने के आदेश दिए। जेल अधिकारियों व नई मंडी पुलिस ने जेल की बैरकों में सघन तलाशी अभियान चलाया। जेल में एंड्रायड फोन चलने से जहां जैमर की पोल खुल गयी वहीं दूसरी ओर जेल में मोबाइल न चलने के जेल अधिकारियों के दावों की भी धज्जियां उड़ गयी हैं।
कुछ देर बाद ही हटा फोटो
जेल में बंद बंदी की सेल्फी जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो जेल अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन जेल अधिकारी तलाशी में व्यस्त होने की दुहाई देते रहे। कुछ देर बाद ही फेसबुक से सेल्फी हटा दी गयी। हालांकि जेल अधिकारी उक्त मोबाइल बरामद करने में जुटे हैं जिससे सेल्फी पोस्ट की गयी थी। इतना ही नहीं तीन साल पूर्व जेल में बंद गैंगस्टर विक्की त्यागी के जन्मदिन मनाने के फोटो भी वायरल हुए थे। फोटो वायरल होने से हड़कंप मच गया था।
जेल में कैसे पहुंचा मोबाइल?
जिला कारागार में बंदियों से मुलाकात करने वालों को जामा तलाशी लेने के बाद ही अंदर जाने दिया जाता है। दो चरणों में तलाशी ली जाती है। शुरुआत में जेल गेट के बाहर तलाशी ली जाती है और बाद में जेल के अंदर मुलाकाती की तलाशी होती है। इतने सुरक्षा इंतजाम के बाद भी जेल में मोबाइल कैसे पहुंचा, यह समझ से परे है। इसके इतर जेल में यदा-कदा मोबाइल चलने व सिम बरामद होने के मामले सामने आते रहते हैं। बीते साल छापामारी में बड़ी संख्या में सिम, कट्टन व नशीले इंजेक्शन बरामद हुए थे। छापामारी के कुछ दिन बाद ही तत्कालीन जेल अधीक्षक राकेश ¨सह का तबादला कर दिया गया था।