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अखिलेश ने पश्चिमी यूपी में चला बड़ा दांव, नए समीकरण से साइकिल की गति बढ़ाने में जुटे सपा मुखिया

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कर्जमाफी बिजली आपूर्ति और दिल्ली बार्डर के आंदोलन की तान छेड़कर किसानों के जख्मों को कुरेदा तो यूपी पुलिस और अन्य परीक्षाओं के पेपर लीक प्रकरण समेत कई मुद्दों पर युवाओं के दिल में उतरने का प्रयास किया। इसे ध्रुवीकरण में फंसने से बचने का प्रयास कहें या तय रणनीति का हिस्सा लेकिन सपा अध्यक्ष मुस्लिम मतदाताओं के बारे में बोलने से बचते नजर आए।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Published: Tue, 16 Apr 2024 08:02 AM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2024 08:02 AM (IST)
अखिलेश ने पश्चिमी यूपी में चला बड़ा दांव, नए समीकरण से साइकिल की गति बढ़ाने में जुटे सपा मुखिया

आनंद प्रकाश, मुजफ्फरनगर। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कर्जमाफी, बिजली आपूर्ति और दिल्ली बार्डर के आंदोलन की तान छेड़कर किसानों के जख्मों को कुरेदा, तो यूपी पुलिस और अन्य परीक्षाओं के पेपर लीक प्रकरण समेत कई मुद्दों पर युवाओं के दिल में उतरने का प्रयास किया।

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इसे ध्रुवीकरण में फंसने से बचने का प्रयास कहें या तय रणनीति का हिस्सा, कारण चाहे जो भी हो लेकिन सपा अध्यक्ष मुस्लिम मतदाताओं के बारे में बोलने से बचते नजर आए। जबकि यह वर्ग सपा का ठोस वोटर है और पश्चिम यूपी में कई सीटों पर अहम भूमिका निभाता है।

अखिलेश ने भाजपा को लिया निशाने पर

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी हरेंद्र मलिक के समर्थन में बघरा में जनसभा हुई। यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी अधिक है। बावजूद इसके अखिलेश यादव के भाषण का पूरा फोकस किसान और युवाओं पर रहा। निशाने पर भाजपा रही।

उन्होंने प्रदेश के युवाओं को लैपटाप वितरण के बारे में बताया। गठबंधन की सरकार केंद्र में बनने पर अग्निपथ योजना को समाप्त करने की बात कहकर नया तर्क छेड़ा। पेपर लीक होने के कारण युवाओं की आत्महत्या की बात भी पुरजोर उठाई।

बाबा टिकैत और चौधरी साहब व एमएसपी का जिक्र

अखिलेश ने किसानों को साधते हुए कहा कि ये वो जमीन है, जहां चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत और चौधरी चरण सिंह जैसे महान भारत रत्न पैदा हुए। सरकार महापुरुषों को सम्मान देने का दावा कर रही, लेकिन किसानों को एमएसपी की गारंटी नहीं दी जा रही।

दिल्ली जा रहे किसानों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर कीलें गाड़ दीं, ट्रैक्टर नहीं चलाने दिए थे, लेकिन किसान पहुंचे और अपना हक मांगा। तीन काले कानून किसानों की ताकत ने लागू नहीं होने दिए। यह भी कहा कि ये सरकार किसानों की नहीं, उद्योगपतियों की है।

उद्योगपतियों का 15 लाख करोड़ कर्ज माफ हो सकता है, तो किसानों का दो लाख करोड़ कर्ज भी माफ होना चाहिए। गठबंधन की सरकार बनने पर किसानों का कर्जा माफ होगा।

हरेंद्र को बताया शिव

सपा अध्यक्ष ने अपने भाषण के दौरान सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक के नाम का पर्यायवाची भी बताया और बोले कि हरेंद्र का मतलब हिंदी में शिव होता है। कहा कि भगवान शिव सबके कष्ट दूर करते हैं, उसी तरह हरेंद्र मलिक भी चुनाव जीतकर लोगों की परेशानियां दूर करेंगे।ॉ

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